हापुड़ में मलेरिया और डेंगू फैलने का डर : अब प्राइवेट लैब और अस्पताल नहीं कर सकेंगे पुष्टि, हेल्थ डिपार्टमेंट ने दिए निर्देश 

हापुड़ | 3 महीना पहले | Shahrukh Khan

Tricity Today | सीएमओ डॉक्टर सुनील कुमार त्यागी



Hapur News : बारिश के दौरान मौसमी बीमारी जैसे मलेरिया और डेंगू के पैर पसारने का अब डर सताने लगा है। जबकि, वायरल बुखार के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, वायरल बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ने से पैथोलाजी लैब में जांच के लिए भीड़ लग रही है, बिना हेल्थ डिपार्टमेंट को जानकारी दिए बिना कोई निजी पैथोलाजी लैब संचालक डेंगू या मलेरिया की पुष्टि नहीं कर सकेंगे। पहले विभाग को जानकारी देकर मरीज के खून का सैंपल उन्हें भी देना होगा।

क्या बोल सीएमओ 
दरअसल, जिले के सीएमओ डॉक्टर सुनील कुमार त्यागी ने जानकारी देते हुए बताया कि वायरल बुखार के प्रकोप को बढ़ता देख निजी अस्पतालों को मौसमी जनित बीमारी के मरीजों का उपचार कराने के लिए अलग से व्यवस्था कराई गई है। यदि कोई मरीज मलेरिया या डेंगू का मिलता है तो, उसके लिए अलग से वार्ड तैयार करा दिए गए हैं। वार्ड के बेड्स पर मच्छरदानी की भी व्यवस्था की गई है। जिससे वह अन्य मरीजों को संक्रमित न कर सकें।

लापरवाही करने पर होगी कार्रवाई 
उन्होंने बताया कि रिपोर्ट में भ्रम की स्थिति को रोकने के लिए नेशनल वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम के निर्देशानुसार केवल प्रमाणित किट्स का ही प्रयोग किए जाने के लिए निर्देशित किया गया है। इसके अलावा किसी अस्पताल में मलेरिया या डेंगू की पुष्टि होने पर मरीज का पूरा ब्योरा विभाग को उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए गए हैं। यदि कोई लापरवाही या नियम का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

यह दिए निर्देश 
उन्होंने बताया कि प्राइवेट लैब और अस्पताल संचालकों से मलेरिया की पुष्टि रक्त पट्टिका से और डेंगू की पुष्टि एनएस-1, एलाइजा और मैक एलाइजा द्वारा करने के लिए निर्देशित किया गया है। साथ ही उन्हें यह भी निर्देश दिया गया है कि वह किसी भी मरीज में डेंगू या मलेरिया की पुष्टि नहीं करेंगे। यदि किसी में डेंगू या मलेरिया की पुष्टि होती है तो वह हेल्थ डिपार्टमेंट को सूचित करेंगे और मरीज के खून का नमूना लेकर मलेरिया डिपार्टमेंट में उपलब्ध कराएंगे। जिससे हेल्थ डिपार्टमेंट अपने स्तर पर पुष्टि कर सके।

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