Greater Noida: ITBP की 38वीं बटालियन को सर्वश्रेष्ठ एंटी-नक्सल ऑपरेशन का ख़िताब

|



GREATER NOIDA: कमांडेंट नरेन्द्र सिंह के कुशल नेतृत्व एवं मार्ग-दर्शन में 38वीं बटालियन ITBP को ‘‘सर्वश्रेष्ठ एंटी-नक्सल ऑपरेशन बटालियन 2018‘‘ के साथ-साथ ‘‘सर्वश्रेष्ठ स्वच्छ बटालियन 18-19‘‘ घोषित किया गया। 

 

 

छत्तीसगढ़ के खरोरा, जिला-रायपुर में स्थित 38वीं बटालियन आईटीबीपी ने छत्तीसगढ़ में एंटी-नक्सल ऑपरेशन ड्यूटी के लिए तैनात समस्त आईटीबीपी बटालियनों में ‘‘सर्वश्रेष्ठ एएनओ बटालियन‘‘ और 56 सर्विस बटालियनों और 04 स्पेशल बटालियनों को पीछे छोड़कर ‘‘सर्वश्रेष्ठ स्वच्छ बटालियन‘‘ का खिताब जीतने में कामयाब हुई है जोकि अब तक का यह पहला ऐसा अवसर है। 

जब एक बटालियन ने एक ही वर्ष में दोनों प्रतिष्ठित ट्रॉफियां हासिल की हैं। इससे पहले भी उनके नेतृत्व में इस बटालियन को ‘‘सर्वश्रेष्ठ नॉन बॉर्डर बटालियन- 2016‘‘ का खिताब भी दिया जा चुका है। आईटीबीपी के 58वें स्थापना दिवस के अवसर पर माननीय गृह राज्यमंत्री श्री जी. किशन रेड्डी द्वारा 39वीं वाहिनी ग्रेटर नोएडा में आयोजित एक भव्य समारोह के दौरान ITBP के कमांडेंट नरेंद्र सिंह को दोनों ट्रॉफियां प्रदान करके सम्मानित किया गया।

कमांडेंट नरेंद्र सिंह 26 अप्रैल 1993 को बतौर सहायक कमांडेंट के रूप में ITBP बल में शामिल हुए। अपने 26 वर्षों से अधिक बेदाग और प्रतिष्ठित सेवा करियर के दौरान उन्होंने सीमा सुरक्षा, आंतरिक सुरक्षा, प्रशिक्षण केंद्र और विशेष रूप से छत्तीसगढ़ में एंटी-नक्सल ऑपरेशंस (ANO) ड्यूटियों में उल्लेखनीय कार्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया है।

अक्टूबर 2016 में नरेंद्र सिंह द्वारा कमांडेंट, 38वीं बटालियन का कार्यभार संभालने के बाद से इस बटालियन के कर्मियों ने अपने जिम्मेदारी इलाकों में नक्सल-विरोधी अभियानों में उच्च स्तर की पेशेवर दक्षता के साथ उत्कृष्ठ कार्य किया है जिसमें नक्सलियों के मनोबल को बुरी तरह से गिरा दिया है, परिणामतः वर्तमान में नक्सल आंदोलन, गतिविधियों एवं घटनाओं में काफी गिरावट हुई है। इस बटालियन ने कमांडेंट नरेन्द्र सिंह के मार्गदर्शन में नक्सल प्रभावित इलाकों में स्थानीय जनता के जीवन स्तर के उत्थान और बेहतरी के लिए कल्याणकारी उपायों के साथ-साथ अपने आपरेशनल कर्तव्यों को प्रभावी ढंग से निभाया है।

38वीं बटालियन द्वारा छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद की समस्या के मूल कारणों की पहचान की गई तथा उससे निपटने के लिए 38वीं बटालियन द्वारा विभिन्न सिविक एक्शन कार्यक्रमों के माध्यम से जिला राजनांदगांव में नक्सल प्रभावित इलाके के लोगों को मुख्य धारा से जोड़़ने का प्रयास किया गया। बटालियन की महत्वपूर्ण उपलब्धियों में अपनी जिम्मेदारी क्षेत्रों के गरीब आदिवासी छात्र-छात्राओं के कैरियर काउंसलिंग आयोजित करने के उपरांत 100 से अधिक विद्यार्थियों को सीएपीएफ में कांस्टेबलों जी.डी. के लिए एसएससी द्वारा आयोजित लिखित परीक्षा पास करने में मदद करना, CIPET के माध्यम से 155 छात्रों को नौकरी उपलब्ध कराना, होनहार एवं प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को विभिन्न खेलों हेतु कोचिंग तथा गरीब आदिवासी और भूमिहीन लोगों के लिए बैकयार्ड पोल्ट्री स्कीम के माध्यम से रोजगार के अवसर प्रदान कराना इत्यादि है।

इसके अतिरिक्त बटालियन द्वारा कैंप परिसर के साथ-साथ आस-पास के इलाकों में भी स्वच्छता अभियान नियमित रूप से चलाया गया और इसमें स्थानीय लोगों और स्कूली बच्चों के लिए जागरूकता रैलियाँ और व्याख्यान आयोजित किये गये। दूसरी ओर सिरपुर (जिला-महासमुंद, छत्तीसगढ़) के ऐतिहासिक, पुरातात्विक स्थलों और महानदी के आस-पास के इलाकों में भी जागरूकता और स्वच्छता अभियान चलाया गया। बटालियन द्वारा पिछले एक वर्ष में अपने कार्यक्षेत्र में 15,000 से अधिक फलदार व छायादार पौधे लगाए गए हैं। बटालियन की अन्य प्रमुख पहलों में वाटर हार्वेस्टिंग, प्रभावी अपशिष्ट निपटान, जल निकासी प्रणाली में सुधार, पौधों के लिए अतिरिक्त पानी की चैनलिंग, पार्क, किचन गार्डन के रखरखाव तथा एसटीपी से उपचारित पानी का उपयोग इत्यादि शामिल है, जिससे कि इस कैंप परिसर में बहुमूल्य पीने योग्य पानी की बचत हो सके।

इसी उत्साह और समर्पण के साथ, नरेंद्र सिंह कमांडेंट के मार्गदर्शन में 38वीं बटालियन ITBP भविष्य में भी नए आयाम हासिल करने में प्रतिबद्ध रहेगी।

अन्य खबरें