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रविवार को बिसाहड़ा से करीब 10-12 लोग बुजुर्ग और पूर्व ग्राम प्रधान भाग सिंह के नेतृत्च में पहले लोनी पहुंचे। वहां से जमील अहमद को लेकर दादरी आए। दादरी में जान मोहम्मद के घर पहुंचे। गांव वालों और अखलाख के भाईयों के बीच करीब दो घंटे तक बातचीत हुईं। दरअसल, करीब एक महीने से अखलाख हत्याकांड में दोनों पक्षों के बीच फैसले की चर्चाएं चल रही हैं। इस बारे में जान मोहम्मद का कहना है कि गांव वाले आए थे। वे हमारे गांव के बुजुर्ग हैं। उनसे मिलने में कोई बुराई नहीं है। लेकिन कानून और मुकदमा अपनी जगह हैं। यह केवल औपचारिक मुलाकात थी। बिसाहड़ा गांव में गौ हत्या के आरोप में अखलाख की 28 सितंबर 2015 की रात पीट पीटकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में गांव के 17 युवक जेल में बंद हैं। पिछले दिनों एक आरोपी रविन की जेल में मौत हो चुकी है।