Tricity Today | Greater Noida Authority
ग्रेटर नोएडा में औद्योगिक भूखंडों की मांग बढ़ गई है। विकास प्राधिरकण ने नए उद्योगों के लिए 4 नए सेक्टर बसाने की तैयारी शुरू कर दी हैं। इसके लिए चार गांवों में जमीन खरीदी जा रही है। प्राधिकरण किसानों से सीधे जमीन खरीद रहा है। किसानों से ऑनलाइन आवेदन लेकर उनका निस्तारण किया जा रहा है। जमीन पर कब्जा लेने के बाद उसमें विकास कार्य कराए जाएंगे। इसके बाद उद्योगों के लिए सेक्टर तैयार हो जाएंगे।
कोरोना महामारी में भी आर्थिक गतिविधियों को और तेज करने में ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण जुटा है। औद्योगिक भूखंडों की मांग बढ़ने पर प्राधिकरण अपने बोर्ड में चार नये औद्योगिक सेक्टर बसाने पर मुहर लगा चुका है। अब जमीन खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अधिग्रहण के बजाय प्राधिकरण किसानों से समझौते के आधार पर सीधे जमीन खरीद रहा है। इसके लिए प्राधिकरण के भूमि विभाग ने प्रक्रिया पूरी करनी शुरू कर दी है।
कोरोना के डर के चलते किसान प्राधिकरण दफ्तर नहीं आ रहे
कोरोना के डर से किसानों से ऑनलाइन आवेदन लिया जा रहा है। किसान भी संक्रमण के भय के कारण विकास प्राधिकरण के कार्यालय आना नहीं चाहते हैं। लिहाजा, आवेदन करने के लिए पूरा इंतजाम ऑनलाइन किया गया है। यह व्यवस्था विकास प्राधिकरण की वेबसाइट पर की गई है। आवेदन आने के बाद इनको प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जा रहा है। फाइल पूरी होने के बाद किसानों को मुआवजा दिया जा रहा है।
इन गांव की जमीन पर बरसाए जाएंगे औद्योगिक सेक्टर
ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण इमलिया, सिरसा, अमरपुर और अटाही गांवों में औद्योगिक सेक्टरों के लिए जमीन खरीद रहा है। यहां भूमि विभाग के अधिकारी सीधे किसानों से बात करते हैं। इसके बाद उनका आवेदन लेकर मुआवजा देते हैं। प्राधिकरण को उम्मीद है कि जमीन खरीद का काम जल्द पूरा कर लिया जाएगा। जमीन पर कब्जा लेने के बाद वहां आधारभूत ढांचे का विकास किया जाएगा। प्राधिकरण 6 महीने में बिजली, पानी, सड़क, सीवर और सिक्योरिटी का इंतजाम करेगा।
इस परियोजना के बारे में ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी नरेंद्र भूषण का कहना है कि औद्योगिक सेक्टरों को विकसित किया जाएगा। इसके लिए किसानों से सीधे जमीन खरीद की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जमीन से जुड़ी यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। किसानों को प्राधिकरण के कार्यालय आने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। आवेदन ऑनलाइन लिए जा रहे हैं। सत्यापन पूरा होने के बाद किसानों के खातों में मुआवजे से जुड़ी धनराशि का सीधा ट्रांजैक्शन कर दिया जाएगा।
अभी शहर में कई बड़ी कंपनियां हैं, जेवर एयरपोर्ट के कारण बढ़ी मांग
ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण में एलजी, न्यू हालैंड, विप्रो जैसी कंपनियां हैं। इसके अलावा इलेक्ट्रानिक्स की दिग्गज कंपनी हायर ने भी यहां पर जमीन आवंटन कराया है। उम्मीद है कि अभी कई और बड़ी कंपनियां यहां आने के लिए इच्छुक हैं। यही कारण है कि प्राधिकरण औद्योगिक सेक्टर बसा रहा है। दरअसल, जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के आने से ग्रेटर नोएडा में औद्योगिक जमीन की मांग तेजी से बढ़ रही है। बहुत सारी कंपनियां ऐसी हैं, जो तत्काल कामकाज शुरू करना चाहती हैं। दूसरी ओर यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के क्षेत्र में जमीन लेकर कारखाना लगाने और काम शुरू करने में करीब 5 वर्ष का वक्त लगेगा। जो इंडस्ट्री अगले डेढ़ से दो साल में उत्पादन करना चाहती है, उसकी पहली चॉइस ग्रेटर नोएडा शहर है।
आवासीय सेक्टरों के लिए जमीन खरीद अभी नहीं होगी
ग्रेटर नोएडा वेस्ट के आवासीय सेक्टर 7, 8 और 9 के लिए जमीन खरीदी जानी है। लेकिन प्राधिकरण ने अभी यह काम रोक दिया है। इन सेक्टरों के लिए प्राधिकरण भनौता, सुनपुरा, खोदना कला और खेड़ी गांवों की जमीन खरीदना चाहता है। इसके लिए योजना भी बन चुकी है। लेकिन अभी यह काम रोक दिया गया है। पहले औद्योगिक सेक्टरों के लिए जमीन खरीदी जा रही है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट के आसपास के पूरे इलाके में विकास प्राधिकरण हम केवल आवासीय सेक्टरों का विकास करना चाहता है।
यमुना प्राधिकरण में लॉकडाउन में हुआ जमीन आवंटन
जेवर में एयरपोर्ट आने के बाद कंपनियां अपनी इकाई यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में लगाना चाहती हैं। लॉकडाउन में भी कंपनियों ने प्राधिकरण की योजनाओं में आवेदन किया। इसके बाद प्राधिकरण ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये साक्षात्कार लिया और जमीन आवंटन किया। पिछले 3 महीनों के दौरान यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की आवंटन समिति ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उद्यमियों के साक्षात्कार लिए हैं। करीब 100 उद्योग इकाइयों को ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत भूमि का आवंटन किया गया है।