नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हुए घोटालों की फाइलें गायब, नोएडा से लखनऊ तक हड़कंप

नोएडा | 4 साल पहले | Mayank Tawer

Tricity Today | Noida & Greater Noida Authority



नोएडा और ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरणों में हुए हजारों करोड़ रुपये के घोटाले की फाइल गायब हो गई हैं। महालेखा परीक्षक के ऑडिट में अकेले नोएडा प्राधिकरण में ही 30 हजार करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है। अब फाइलें गायब होने से नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। जिसके बाद नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों को जवाब देना मुश्किल हो गया है।

रविवार को नोएडा आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया था कि नोएडा प्राधिकरण में पिछले 10 वर्ष चली समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की सरकारों के समय नोएडा प्राधिकरण में 30 हजार करोड़ रुपये के घोटाले हुए हैं। ग्रेटर नोएडा की रिपोर्ट आने वाली है। सीएम ने विधानसभा में भी यह जानकारी दी थी। अथॉरिटी में घोटाला इतना बड़ा है कि अधिकारियों पर गाज गिरने से पहले ही फाइलों को गायब कर दिया गया है। 

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने इस पत्रावली के 45 अभिलेख मांगे थे लेकिन उनको सिर्फ तीन अभिलेख ही मिले हैं। बाकी 42 अभिलेख गायब हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में सीएजी ऑडिट करवा रहे हैं। जिसमें अभी तक 2007 से लेकर 2017 तक 30 हजार करोड़ रुपए का घोटाला सामने आया है। जिसके बाद औद्योगिक विकास विभाग ने इसकी रिपोर्ट मांगी है। लेकिन रिपोर्ट मांगने से पहले ही नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से यह पत्रावली गायब हो गई हैं। जिसके बाद नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर काफी तरीके के सवाल खड़े हो गए हैं।

यह सब भूमि अधिग्रहण और संपत्ति आवंटन से संबंधित फाइलें थीं। यह फाइल उस समय बनी जब समाजवादी पार्टी और बसपा की सरकारी थीं। एक बात और बता दें कि सीएजी ने ऑडिट रिपोर्ट बनाने से पहले नोएडा विकास प्राधिकरण से आपत्तियों पर जवाब मांगे थे। प्राधिकरण की ओर से 90 प्रतिशत सवालों के जवाब दिए ही नहीं गए हैं।

अन्य खबरें