लोटस बुलेवर्ड के फ्लैट ऑनर्स ने आईआरपी के खिलाफ प्रदर्शन किया, जानिए पूरा मामला

नोएडा | 5 साल पहले | Agency

Tricity Today | Flat owners of Lotus Boulevard protests against IRP in Noida



थ्री-सी कम्पनी के हाउसिंग प्रोजेक्ट लोटस बुलेवर्ड में करीब 3500 फ्लैट खरीदार फंसे हुए हैं। कम्पनी के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया चल रही है। जिसके लिए नेशनल कम्पनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने इंसोल्वेंसी रिसॉल्युशसन प्रोफेशनल (IRP) नियुक्त कर रखा है। रविवार को बड़ी संख्या में फ्लैट खरीदारों ने नोएडा के सेक्टर-127 में कम्पनी ऑफिस के बाहर प्रदर्शन किया। इन लोगों की मांग है कि आईआरपी को हटाया जाए। वह गलत ढंग से काम कर रहे हैं। जिससे फ्लैट ख़रीदारों को नुकसान हो रहा है। इन लोगों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की बात भी कही है।

3-सी कम्पनी ने करीब 4000 घरों वाली हाउसिंग परियोजना लोटस बुलेवर्ड की घोषणा वर्ष 2010 में की थी। नोएडा के सेक्टर-127 में इस प्रोजेक्ट में 30 टॉवर हैं। जिनमें से अभी तक केवल 500 घर पूरे किए गए हैं। उन 500 फ्लैट बायर्स की फ्लैट्स पर कब्जा तो मिल गया लेकिन अभी रजिस्ट्री नहीं हुई हैं। दूसरी ओर 3500 ऐसे फ्लैट बायर्स हैं, जिनके घर अभी तक अधूरे पड़े हैं। कम्पनी के खिलाफ निवेशक और बैंक एनसीएलटी चले गए और एनसीएलटी ने दिवालिया प्रक्रिया पूरी करने के लिए आईआरपी की नियुक्ति कर दी। अब खरीदारों का आरोप है कि आईआरपी ने निर्माण रोक दिया है। लम्बे अरसे से प्रोजेक्ट का काम ठप पड़ा है।

फ्लैट खरीदार शगुन गौतम ने बताया कि आईआरपी का काम करने का तरीका ठीक नहीं है। वह कुछ निजी हितों के लिए काम कर रहे हैं। ऐसे रिसॉल्युशसन पास किए हैं, जिनसे खरीदारों को नुकसान होगा। वोटिंग राइट्स के आधार ओर मोनोपोली चला रहे हैं। अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने अब तक एक बार भी खरीदारों से बात नहीं की है। शगुन गौतम कहते हैं कि हम लोग खुद ही अच्छे ढंग से काम कर रहे थे। आईआरपी ने समस्याएं बढ़ाई हैं, वह कोई समाधान तलाश नहीं कर रहे हैं। हम आईआरपी को बदलने की मांग करते हैं। अगर एनसीएलटी ने हमारी बात नहीं सुनी तो कोर्ट जाएंगे।

लोटस बुलेवर्ड अपार्टमेंट ऑनर्स असोसिएशन के अध्यक्ष प्रभाकर भारद्वाज ने कहा, आखिर कब तक हम लोग केवल इंतजार करते रहेंगे। बिल्डर ने खरीदारों के साथ धोखा किया। मामला नेशनल कम्पनी लॉ ट्रिब्यूनल चला गया। समाधान तलाश करने के लिए ट्रिब्यूनल ने आईआरपी बैठा दिया। आईआरपी समाधान तलाशने की बजाय चीजों को उलझा रहे हैं। हमारे साथ तो एक बार फिर धोखा हो रहा है। लेकिन इस बार हम लोग धोखा नहीं खाएंगे। रविवार को प्रोटेस्ट में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया।

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