EXCLUSIVE: गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने रमा रमन से पूछताछ के लिए शासन से मांगी अनुमति, यह है पूरा मामला

नोएडा | 4 साल पहले | Anika Gupta

Google Image | Rama Raman IAS



नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी और चेयरमैन रह चुके रमा रमन से एक मामले में पूछताछ करने के लिए गौतम बुध नगर पुलिस ने उत्तर प्रदेश सरकार से इजाजत मांगी है। यह मामला मेरठ में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष अदालत के आदेश पर ग्रेटर नोएडा में दर्ज किया गया था। इस मामले की पुलिस तफ्तीश कर रही है और अब रमन मन से पूछताछ करना चाहती है।

गौतम बुद्ध नगर के अपर पुलिस आयुक्त ने उत्तर प्रदेश शासन में नियुक्ति विभाग अनुभाग-5 के अंडर सेक्रेटरी को एक पत्र लिखकर रमा रमण से पूछताछ करने की अनुमति मांगी है। इस पत्र की प्रतिलिपि नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग के प्रमुख सचिव, गौतम बुध नगर के जिलाधिकारी, तीनों विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी और अभियोजन विभाग को भेजी गई हैं। 

अपर पुलिस आयुक्त ने मामले में जांच पूरी करने और तथ्यों को सत्यापित करने के लिए रमा रमण से पूछताछ करना आवश्यक बताया है। इस बारे में गौतम बुध नगर पुलिस का कोई भी अफसर बोलने के लिए तैयार नहीं है। अपर पुलिस आयुक्त की ओर से शासन को भेजा गया पत्र ट्राइसिटी टुडे के पास उपलब्ध है। 

रमा रमण इस वक्त उत्तर प्रदेश सरकार के हथकरघा एवं ग्रामोद्योग विभाग में अपर मुख्य सचिव के पद पर कार्यरत हैं। रमा रमण लंबे अरसे तक नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में सीईओ चेयरमैन जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं। उनके कार्यकाल के दौरान नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण ने बिल्डरों को बड़े पैमाने पर ग्रुप हाउसिंग और कमर्शियल परियोजनाओं के लिए भूमि आवंटन किए थे।

इस मामले में होगी पूछताछ
बिसरख गांव के निवासी किसान कुलदीप भाटी की शिकायत पर मेरठ की भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष अदालत ने ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के छह अधिकारियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज करने का आदेश दिया था। यह मुकदमा करीब एक वर्ष पहले ग्रेटर नोएडा में बीटा टू थाना में दर्ज करवाया था। कुलदीप भाटी का आरोप है कि उसकी जमीन का अधिग्रहण किए बिना उसे बिल्डर को आवंटित कर दिया गया था। कुलदीप ने जमीन वापस मांगी तो आबादी दूसरी जगह शिफ्ट कर दी गई थी। 

अब शिफ्ट की गई आबादी नहीं दे रहा प्राधिकरण
आबादी शिफ्ट करने का आदेश करने वाले अधिकारियों का तबादला हो गया है। अब पूर्व के अधिकारियों का प्राधिकरण में आदेश नहीं माना जा रहा है। इससे उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उनके हाथ से आबादी की जमीन भी बिल्डर को चली गई है। दूसरी जगह शिफ्ट की गई जमीन भी उन्हें नहीं मिल रही है। इस तरह के ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में करीब ढाई सौ मामले लंबित हैं। किसान अपनी जमीन लेने के लिए प्राधिकरण के चक्कर काट रहे हैं। कुलदीप भाटी ने मेरठ की भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट में आरोप लगाया कि प्राधिकरण के अधिकारी समस्या का निस्तारण करने की वजह किसानों से रिश्वत मांग रहे हैं।

कुलदीप के आरोपों पर पुलिस ने जांच शुरू की
किसान कुलदीप भाटी ने ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के टाउन प्लानर ऋतुराज व्यास पर फाइल का निस्तारण करने की एवज में 20 लाख रुपये मांगने का आरोप अदालत में लगाया है। इस बारे में ऋतुराज व्यास से पूर्व में भी स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा गया था, किंतु उनकी ओर से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। कुलदीप भाटी का आरोप है कि उनका अकेला मामला नहीं है। विकास प्राधिकरण ने वर्ष 2010 से 2014 के बीच बिल्डरों को आंख मूंदकर जमीन का आवंटन किया था। बिल्डर को क्षेत्र की लोकेशन के हिसाब से जो जमीन फ्लैट बनाने के लिए अच्छी लगी उसे आवंटित कर दी गई थी। इन आरोपों पर गौतम बुध नगर पुलिस जांच कर रही है।

किसानों ने विरोध किया तो उन्हें दूसरी जमीनका आश्वासन दिया
कुलदीप भाटी का कहना है कि उस वक्त यह भी नहीं देखा गया कि यह जमीन किसान के किस उपयोग में आ रही है। किसानों के घर, अहाते और तमाम दूसरे उपयोगी निर्माण भी बिल्डरों को आवंटित कर दिए गए थे। कुलदीप भाटी का आरोप है कि यह सारी प्रक्रिया भ्रष्टाचार के आधार पर की गई थी। किसानों ने विरोध किया तो उन्हें दूसरी जगह आबादी शिफ्ट करने का आश्वासन दिया गया था। बाहरी लोगों को प्राधिकरण ने रेवड़ी की तरह खूब जमीन बांटी, लेकिन मूल किसानों के हिस्से में कुछ भी नहीं आया। उनके मामलों को अटका दिया गया।

अब प्राधिकरण के अधिकारी रिश्वत मांग रहे हैं
किसान कुलदीप भाटी का आरोप है कि नियोजन विभाग में तैनात अधिकारी अब फाइल पास करने के लिए पैसा मांग रहे हैं। इस तरह के मामलों की जांच होगी तो प्राधिकरण की पोल खुल जाएगी। किसानों से रिश्वत मांगने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। कुलदीप का कहना है कि उन्होंने लगातार विकास प्राधिकरण के चक्कर काटे लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं किया गया। उनसे अफसरों ने फाइल पास करने के नाम पर रिश्वत मांगी। इस कारण उन्हें मजबूर होकर अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा है।

रजिस्ट्री नहीं होने पर कुलदीप को पूरा घालमेल पता चला 
कुलदीप भाटी का कहना है कि उन्होंने विकास प्राधिकरण की ओर से दी गई जमीन पर मकान भी बना लिया है। वर्ष 2017 में वह रजिस्ट्री करवाने लगे तो पता चला कि यह जमीन उनके नाम पर चढ़ी नहीं है। इस पर अभी भी प्राधिकरण का ही स्वामित्व है। उस समय आवंटन कमेटी में तत्कालीन चेयरमैन रमा रमण, विशेष कार्य अधिकारी यशपाल सिंह त्यागी और तत्कालीन महाप्रबंधक नियोजन मीना भार्गव थे। उन्हीं लोगों ने यह आवंटन किया था। यही वजह है कि कुलदीप भाटी ने मेरठ की भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट में इन तीनों अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है। अब इस मामले में गौतम बुध नगर पुलिस रमा रमण से पूछताछ करना चाहती है।

रमा रमण अभी हथकरघा एवं वस्त्र उद्योग विभाग में अपर मुख्य सचिव हैं। मीना भार्गव यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के परियोजना विभाग में महाप्रबंधक हैं। ऋतुराज राज विहार ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के टाउन प्लानर हैं।

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