Greater Noida Board Meeting: शहर में इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए 4 बड़े फैसले हुए

Google Image | Greater Noida Board Meeting



ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण की शनिवार को हुई 119वीं बोर्ड बैठक में ज्यादातर प्रस्ताव शहर में औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने से जुड़े हैं। विकास प्राधिकरण की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक इस बैठक में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए चार महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। इनमें सूचना प्रौद्योगिकी और तमाम दूसरी इंडस्ट्री के भूखंड आवंटियों को राहत दी गई हैं। ग्रेटर नोएडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी नरेंद्र भूषण ने बताया कि विकास प्राधिकरण से जमीन लेकर कामकाज शुरू नहीं करने वालों के खिलाफ एक्शन का फैसला लिया गया है।

औद्योगिक भूखंडों पर एफएआर दोगुना किया गया:

अभी तक ग्रेटर नोएडा में औद्योगिक इकाइयों के भूखंडों पर 1.50 फ्लोर एरिया रेशों (एफएआर) के मुताबिक निर्माण करने की इजाजत दी जा रही है। शहर में नई औद्योगिक इकाइयों को आकर्षित करने के लिए प्राधिकरण ने एफएआर बढ़ाने का निर्णय लिया है। अब विकास प्राधिकरण आवंटन पर सामान्य रूप से 2 एफएआर देगा। आवंटी 1 एफएआर खरीद सकेगा। बोर्ड ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अनुमति के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को भेजने का आदेश दिया है।

आईटी और संस्थागत भूखंडों पर नक्शे पास करवाने की तारीख बढ़ाई गई:

प्राधिकरण के बोर्ड ने कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए सूचना प्रौद्योगिकी और संस्थागत श्रेणी के आवंटियों को बड़ी राहत दे दी है। भवन मानचित्र स्वीकृत करवाने के लिए शुल्क के साथ अंतिम तारीख 31 मार्च 2020 से बढ़ाकर 30 सितंबर 2020 कर दी गई है। इससे सूचना प्रौद्योगिकी और संस्थागत श्रेणी के आवंटी को असुविधा नहीं होगी। समय सीमा बढ़ाने के प्रस्ताव को बोर्ड ने मंजूरी दे दी है।

आईटी और संस्थागत भूखंडों की योजना लाएगा प्राधिकरण:  

आवंटन के बाद पैसा जमा नहीं करने के कारण ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने पिछले कुछ वर्षों के दौरान बड़ी संख्या में सूचना प्रौद्योगिकी और संस्थागत श्रेणी के भूखंडों का आवंटन रद्द किया है। प्राधिकरण ने इन भूखंडों को दोबारा आवंटित करने के लिए नई योजना लाने का प्रस्ताव बोर्ड के समक्ष रखा था। प्राधिकरण के इस प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई है। इससे विकास प्राधिकरण को आमदनी होगी। दूसरी ओर शहर में कुछ और आईटी कंपनियां आएंगी।

जमीन लेने के बाद 5 साल में फैक्ट्री नहीं लगाने वालों के आवंटन रद्द होंगे:

करीब 10 दिन पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में औद्योगिक नीति से जुड़ी एक घोषणा की है। जिसमें कहा गया है कि विकास प्राधिकरण से जमीन लेकर फैक्ट्री नहीं लगाने वाले आवंटी पर कार्यवाही की जाए। नए नियम के मुताबिक अगर भूमि आवंटन के बाद 5 वर्षों में फैक्ट्री शुरू नहीं होती है तो जमीन का आवंटन रद्द कर दिया जाएगा। आवंटी की ओर से जमा किया गया पैसा भी जब्त कर लिया जाएगा। विकास प्राधिकरण को विशेष परिस्थितियों में यह समय सीमा केवल एक बार 1 वर्ष तक बढ़ाने का अधिकार दिया है। प्राधिकरण के बोर्ड ने इस नीति को अंगीकृत करने की मंजूरी दे दी है।

अन्य खबरें