Google Image | Narendra Bhushan IAS, CEO Greater Noida
शहर में स्ट्रीट लाइट की समस्या को दूर करने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने कवायद शुरू कर दी है। स्ट्रीट लाइट को एलईडी में बदलने के लिए आरएफपी (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) निकाला गया है। इसके जरिये एजेंसी का चयन किया जाएगा ताकि वह इस काम को पूरा कर सके। स्ट्रीट लाइट को नई तकनीक से लगवाया जाएगा। ताकि वह अपने आप जले व बुझे और खराब होने पर तुरंत जानकारी मिले ताकि उसका समाधान किया जा सके।
शहर में 54 हजार स्ट्रीट लाइट लगी हैं। अभी स्ट्रीट लाइट सीएफएल की हैं, जिन्हें बदलकर एलईडी लगाई जाएंगी। अनुमान है कि इस काम में करीब 78 करोड़ रुपये खर्च होंगे। एलईडी लाइट लगाने के लिए कंपनी का चयन किया जाएगा। इसके लिए प्राधिकरण ने आरएफपी निकाल दिया है। 10 नवंबर को प्री बिड और उसके बाद फाइनल बिड खोली जाएगी। एक साल में इस काम को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। सात साल तक कंपनी को रखरखाव करना होगा। सीईओ नरेंद्र भूषण ने बताया कि एलईडी स्ट्रीट लाइट से अंधेरा दूर होगा। प्राधिकरण का पैसा भी बचेगा। स्ट्रीट लाइटों पर फिलहाल 30 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। एलईडी लगने से 15 से 18 करोड़ ही खर्च होंगे।
इस तकनीक का होगा इस्तेमाल
प्राधिकरण स्ट्रीट लाइटों के बेहतर रखरखाव के लिए नई तकनीक अपनाएगा। सभी स्ट्रीट लाइटों को जियोग्रॉफिक इनफोर्मेशन सिस्टम (जीआईएस) से जोड़ा जाएगा। स्ट्रीट लाइट खराब होने पर इस सिस्टम से तुरंत सूचना मिल जाएगी। इससे उसका समाधान हो जाएगा। इसके अलावा सेंट्रलाइज्ड कंट्रोल एंड मॉनिटरिंग सिस्टम (सीसीएमएस) लगाया जाएगा। इससे वह सही समय पर जलेंगी और बुझ भी जाएंगी।