ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में फिर फर्जी दस्तावेज लगाकर ठेका लेने का मामला सामने आया, अफसर चुप

Tricity Today | Greater Noida Authority Office



ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण (Greater Noida Authority) में फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र लगाकर लाखों रुपये का टेंडर हासिल करने का मामला एकबार फिर सामने आया है। यह खुलासा आरटीआई (Righ to Information) के जरिये मांगी गई जानकारी से हुआ है। अब शिकायतकर्ता ने ठेका निरस्त करने की मांग की है। दूसरी और विकास प्राधिकरण के जिम्मेदार अक्सर इस मामले पर कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं हैं।

ग्रेटर नोएडा के रिछपाल गढ़ी गांव में सड़क और नाली आदि बनाने के लिए एक कंस्ट्रक्शन कंपनी को 91 लाख रुपये का ठेका दिया गया था। इस कंपनी के खिलाफ दिल्ली के निवासी राजवीर सिंह ने ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण में शिकायत की है। इस शिकायत में बताया गया है कि ठेका लेने वाली कंपनी ने दिल्ली राज्य औद्योगिक विकास निगम का अनुभव प्रमाण पत्र दिया है। राजवीर सिंह ने बताया कि निगम से इस ठेकेदार के अनुभव प्रमाण पत्र के बारे में आरटीआई से जानकारी मांगी गई थी। 

राजवीर सिंह का कहना है कि निगम ने अपने जवाब में बताया कि इस कंपनी को अनुभव प्रमाण पत्र नहीं दिया गया है। कम्पनी ने निगम में यह काम नहीं किया है। राजवीर ने प्राधिकरण से इस मामले की शिकायत की है। उन्होंने कहा कि इस कंपनी का ठेका निरस्त किया जाए और कार्रवाई की जाए। दूसरी ओर इस मामले पर स्थिति स्पष्ट करने के लिए विकास प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी से संपर्क किया गया, लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया है। आपको बता दें कि इससे पहले भी इस तरह के कई और मामले सामने आ चुके हैं। जिनमें फर्जीवाड़ा करके कंपनियों ने टेंडर हासिल किए हैं।

दरअसल, विकास प्राधिकरण में अफसरों और ठेकेदारों का एक नेक्सस काम कर रहा है, जो जाली दस्तावेजों के आधार पर अनुभवहीन लोगों को ठेके दिलाता है। इतना ही नहीं ऐसे मामले सामने आने के बाद यह गठजोड़ मामलों को दबाने की भी पुरजोर कोशिश करता है। पूर्व में आए ऐसे मामलों पर विकास प्राधिकरण की ओर से केवल लीपापोती की गई। जिसकी वजह से जालसाजी करने वालों के हौसले बुलंद हैं। बड़ी बात यह है कि जिम्मेदार प्राधिकरण के शीर्ष अधिकारी ऐसे मामलों पर चुप्पी साधकर बैठ जाते हैं।

अन्य खबरें