नोएडा से 2100 किलोमीटर दूर पहुंची दवा, एसीपी ने कैसे निभाई ड्यूटी, Lockdown Stories

नोएडा | 5 साल पहले | Mayank Tawer

Tricity Today | ACP Shraddha Pandey



लॉकडाउन के कारण सबकुछ बंद है। ऐसे में बीमार लोगों को ज्यादा परेशानी हो रही है। लेकिन नोएडा पुलिस ने बीमारों की मदद करने में लाजवाब काम किया है। हम एक ऐसे मामले की जानकारी आपको दे रहे हैं, जिसमें नोएडा से 2100 किलोमीटर दूर बंगलूरू दवा पहुंचाई गई है। जो इस वक्त अपने आप में किसी अद्भुत घटना से कम नहीं है। इस काम में अहम भूमिका नोएडा की एसीपी श्रद्धा ने निभाई है।

मामला कुछ इस तरह है बंगलुरू के वरथूर में रहने वाली 63 वर्षीय सीनियर सिटीजन इंदु तलरेजा की दवा नोएडा के होम्योपैथिक डॉक्टर से चल रही हैं। दवाएं खत्म होने लगीं तो उनकी बेटी सौम्या ने कूरियर कंपनियों से संपर्क किया। लेकिन किसी कम्पनी ने दवाएं भेजने की जिम्मेदारी नहीं उठाई। इसके बाद सौम्या ने इंडियन पोस्ट और सेतु ऐप बनाने वाले इंडियन रेलवे की टीम को टैग करते हुए अपनी समस्या पर ट्वीट किया। इस पर सेतु टीम की तरफ से उनसे संपर्क किया गया।

नोएडा की एसीपी श्रद्धा ने बताया कि आईआरटीएस सेतु रेलवे की एक सेवा है। यह सेवा इंडियन रेलवे ट्रैफिक सर्विस के 30 अंडर ट्रेनिंग अफसरों ने शुरू की है। क्योंकि इंडियन रेलवे देश के हर शहर से जुड़ी हुई है, लिहाजा इसके माध्यम से कोई अति महत्वपूर्ण चीज और लाइफ सेविंग दवाएं लोगों तक पहुंचाई जाती हैं। एसीपी का कहना है कि आईआरटीएस की एक अधिकारी ने उन्हें फोन किया था। समस्या के बारे में जानकारी दी थी।

श्रद्धा को बताया गया कि बंगलुरु में रहने वाली 63 साल की इंदु तलरेजा को होम्योपैथिक मेडिसिन की जरूरत है। दवाएं नोएडा में ही मिलती हैं। जिन्हें नोएडा से बंगलुरु भेजा जाना है। नोएडा और दिल्ली का बॉर्डर पूरी तरह सील है। इस कारण दवा को ले जाने में समस्या आ रही थी। एसीपी ने व्यवस्था दवाइयां दिल्ली के निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पर भिजवाई। वहां से एक रेलवे अधिकारी के माध्यम से इसे बंगलुरु में इंदु तलरेजा तक पहुंचाया गया।

अब समस्या यह आई कि दिल्ली से बंगलुरू तक कोई डायरेक्ट ट्रेन नहीं चल रही है। इस वजह से आईआरटीएस के अधिकारियों ने दवा को चेन्नई पहुंचाया। चेन्नई से दवा को यशवंतपुर पहुंचाया गया। इसके बाद बंगलुरू में तैनात अधिकारी ने इसको बुजुर्ग के घर तक पहुंचाया है।

आपको बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, जब नोएडा पुलिस ने लॉकडाउन के इस दौर में लोगों का जीवन बचाया है। लखनऊ से करीब 400 किलोमीटर दूर उत्तराखंड में दवा पहुंचाई गई थीं। दिल्ली पुलिस ने नोएडा पुलिस की मदद से करीब 750 किलोमीटर दूर बहराइच दवा पहुंचाई थीं। इसी तरह नोएडा पुलिस ने गाजियाबाद से दवा खरीदकर 400 किलोमीटर दूर कन्नौज में बुजुर्ग के पास पहुंचाई थीं।

आपको बता दें कि श्रद्धा नरेंद्र भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में 2017 बैच की अधिकारी हैं। वह अभी नोएडा सेंट्रल में बतौर एसीपी तैनात हैं। मूल रूप से मुम्बई की निवासी हैं। वह बायोटेक्नोलॉजी में एमटेक हैं।

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