Tricity Today | सात सोसायटी के 30 हजार लोगों के घर पानी नहीं सांप जरूर आते हैं
नोएडा के सेक्टर 71 में 7 हाउसिंग सोसायटी के 30 हजार लोग बड़ी परेशानियों का सामना कर रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि हमारी परेशानी दूर करने वाला तो छोड़िए है कोई सुनने वाला तक नहीं है। घरों में पानी आए या ना आए, आसपास हो रही खेती और बड़ी-बड़ी झाड़ियों से सांप जरूर आ जाते हैं। सड़क चलने लायक नहीं है। पार्कों की हालत खस्ता है। जहां भी शिकायत कीजिए, केवल आश्वासन मिलते हैं।
नोएडा के सेक्टर-71 में साई अपार्टमेंट, मेट्रो अपार्टमेंट, जागृति अपार्टमेंट और शिव शक्ति अपार्टमेंट हैं। इनके अलावा सेक्टर में ए, बी और सी ब्लॉक में भी आवासीय परिसर हैं। साई अपार्टमेंट में रहने वाले ब्रजेश गुर्जर का कहना है, "लॉकडाउन लागू है। लोगों को अपनी जान बचाने मुश्किल हो रखी है। हर आदमी अपने घर में है। ऐसे में कोई टेलीकॉम कंपनी सेक्टर में ऑप्टिकल फाइबर के तार बिछा रही है। जिसके लिए पूरा सेक्टर खोद डाला गया है। शनिवार को इस खुदाई के कारण वाटर सप्लाई की पाइप लाइन टूट गई। पूरे दिन सेक्टर के लोग पानी के लिए तरसते रहे। अब सवाल यह उठता है कि आखिर इस बुरे वक्त में भी कौन खुदाई करवा रहा है।"
ब्रजेश आगे कहते हैं, "प्राधिकरण से शिकायत करने का भी कोई फायदा नहीं होता है। पता नहीं कितनी बार इस मुद्दे पर चर्चा हो चुकी है कि सड़क के बनने के बाद खुदाई न करवाई जाए लेकिन, नोएडा का दस्तूर पुराना है। यहां सड़क पहले बनती है और बिजली, टेलीफोन और सीवर की लाइन बाद में डाली जाती हैं। सड़क बनने के तुरंत बाद उन्हें उधेड़ कर फेंक दिया जाता है। फिर अगले कई सालों तक स्थानीय निवासी उस टूटी-फूटी सड़क पर चलने को मजबूर होते हैं।"
मेट्रो अपार्टमेंट के निवासी सुभाष चौहान कहते हैं, "सेक्टर में मार्किट आज तक नहीं है। सिवाय खोखले वायदों के नेता कुछ नहीं कर पाए। आज तक प्राधिकरण और मार्किट की जगह में खेती हो रही है। पूरा जंगल बना हुआ है। जिसके चलते आये दिन सांप निकलते हैं। सोसयटी के मकानों में और नालियों में सांप आ जाते हैं। जिनसे सोसाइटी के निवासियों और बच्चों के लिए खतरा बना रहता है।"
अमर पुंडीर का कहना है, "पानी की सप्लाई रोजाना सुबह और शाम तीन-तीन घंटे होनी चाहिए। नियमित सप्लाई (6 से 9 बजे सुबह-शाम) होनी चाहिए लेकिन हमारी सोसाइटी में बमुश्किल एक से डेढ़ घंटे पानी आता है। वह भी लाइट जाने पर गायब हो जाता है। प्राधिकरण आज तक इस समस्या का कोई समाधान नहीं कर पाया है। पंपिंग स्टेशनों पर जनरेटर नहीं लगवाए जा सके हैं। यह हालत केवल हमारी हाउसिंग सोसायटी की नहीं है, पूरे सेक्टर 71 में यही हाल है।"
जागृति अपार्टमेंट के निवासी पीयूष त्रिपाठी ने बताया, "आये दिन सड़क और फुटपाथ पर नई खुदाई की जाती है। जिसका हर्जाना नागरिक भुगतते हैं। परिणाम शुक्रवार की रात पानी की पाइप लाइन फ़टी और पूरी रात सेक्टर बिना पानी के रहा। शनिवार को पानी की आपूर्ति नहीं हुई और लोग दिन भर परेशान घूमते रहे।" सोसायटी के निवासी विनोद सोनी ने बताया कि सर्विस लेन अन्धकार में हैं। सोसायटी की स्ट्रीट लाइट जर्जर पड़ी हुई हैं। पूरे सेक्टर में कुत्तों ने जीना मुहाल कर रखा है।
शिवशक्ति अपार्टमेंट में रहने वाले मनमोहन जोशी ने बताया कि बॉउंड्री वॉल के तारों की फेंसिंग टूट चुकी है। फेंसिंग दोबारा करने के लिए न जाने कितनी बार विकास प्राधिकरण को पत्र लिख चुके हैं। कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। जिसके कारण आसानी से दीवार फांदकर चोर उचक्के घुस आते हैं। नालों को ढकने लिखने के लिए न जाने कितनी बार आश्वासन दिया जा चुका है। खुले नालों के कारण अक्सर हादसे हो रहे हैं। कई वर्षों से बस आश्वासन मिल रहा है।
सेक्टर के ए ब्लॉक के निवासी वीके राय ने कहा, "सबसे बड़ी समस्या सेक्टर में मेट्रो का गोदाम बना हुआ है, लेकिन मेट्रो स्टेशन से जुड़ने का कोई मार्ग नहीं है। सेक्टर 61 मेट्रो का गेट सेक्टर वासियों के किया है बंद है। अवैध संरक्षण के चलते सर्विस लेन का एक हिस्सा बन्द रहता है। और दूसरा खुला है, जिससे कूड़े, कबाड़, गंदगी सेक्टर में आ रही है।"
बी ब्लॉक के निवासी अशोक जुनेजा, वीके त्यागी, मनोज पुंडीर और सुनील वाधवा कहते हैं, सेक्टर में बड़े-बड़े पार्क हैं। सोसायटी के पार्क जो लम्बे समय से बिना ठेकदार के राम भरोसे चल रहे हैं। न पानी की व्यवस्था है। न सिंचाई और न घास कटाई का इंतजाम है। कोई देखभाल करने वाला नहीं है। अब प्राधिकरण इन पार्कों में पानी एसटीपी से सप्लाई करेगा। यह एक और नई परेशानी पैदा होने वाली है। एसटीपी के पानी में न जाने कितने बैक्टीरिया और वायरस होंगे। जिससे न केवल बदबू आएगी बल्कि बीमारियां बढ़ेंगी।
सेक्टर के सी ब्लॉक में रहने वाले परमकांत और अतर सिंह भी ऐसी ही तमाम समस्याएं गिनाते हैं। उनका कहना है कि समस्याओं का समाधान कौन करेगा, जब कोई सुनने वाला ही नहीं है। विकास प्राधिकरण ने ट्विटर हैंडल जारी किया। जिस पर टैग करके समस्याएं लिखते रहते हैं। वहां से जवाब तक नहीं आता है। अब शनिवार को प्राधिकरण की सीईओ ने एक व्हाट्सएप हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। शहर में 20% लोग बमुश्किल ट्विटर पर हैं। जब उनकी बात का ही कोई जवाब देने वाला नहीं है तो व्हाट्सएप पर तो 100% लोग हैं। इतने लोगों की परेशानियों का जवाब कौन देगा।