नोएडा प्राधिकरण ने शहर के लोगों की समस्याओं का समाधान करने के लिए एक व्हाट्सएप नंबर जारी किया है। इस व्हाट्सएप नंबर पर मैसेज करके 15 समस्याओं का समाधान करवाया जा सकता है। शनिवार को विकास प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी की ओर से यह सुविधा शुरू की गई है। खास तौर से इसमें स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को शामिल किया गया है।
प्राधिकरण की ओर से बताया गया है कि नोएडा क्षेत्र के समस्त नागरिक जन स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का प्रभावी समाधान इस नम्बर के जरिए हासिल कर सकते हैं। व्हाट्सएप नंबर जारी किया गया है। जिसके माध्यम से शहर के लोग 15 तरह की समस्याओं के समाधान हासिल कर सकते हैं। लोगों को केवल समस्या और पता लिखकर भेजना होगा।
विकास प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु महेश्वरी की ओर से बताया गया है कि इन समस्याओं के समाधान के लिए व्हाट्सएप नंबर 9717080605 पर व्हाट्सएप मैसेज या टेक्स्ट मैसेज कर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। प्राधिकरण तय समय के भीतर सभी शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करेगा। सीईओ ने शहर के लोगों से अपील की है कि वह इस नंबर पर कॉल नहीं करें।
इन समस्याओं के समाधान के लिए मैसेज भेज सकते हैं
इस व्हाट्सएप नंबर के जरिए फागिंग और सैनिटाइजेशन के लिए विकास प्राधिकरण की टीम को बुलाया जा सकता है।
खुले में मल मूत्र त्याग करने वालों की जानकारी दी जा सकती है।
खुले स्थानों पर कचरा जलाने वालों के बारे में बताया जा सकता है।
निर्माण से जुड़े मलबे के बारे में जानकारी दी जा सकती है।
मल के अपशिष्ट या सेप्टेज के अनुचित निपटान के बारे में बताया जा सकता है।
इसके अलावा सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालय व यूरिनल की साफ-सफाई नहीं होने के बारे में बताया जा सकता है।
शहर में कहीं अगर सीवर ओवरफ्लो हो रहा है तो उसकी जानकारी दी जा सकती है।
जल और बिजली की आपूर्ति नहीं हो रही है तो उसकी शिकायत की जा सकती है।
इस व्हाट्सएप नंबर पर सड़क और नालियों की साफ-सफाई नहीं होने या कहीं फुटपाथ पर घास की कटाई नहीं होने के बारे में बताया जा सकता है।
अगर किसी इलाके में कचरा उठाने वाला वाहन नहीं पहुंच रहा है या समय से नहीं आ रहा है तो उसकी शिकायत भी की जा सकती है।
शहर के किसी हिस्से में अगर खुले में कचरा पड़ा हुआ है तो उसे उठाने के लिए इस नंबर पर मैसेज भेज सकते हैं।
शहर में विकास प्राधिकरण की ओर से रखे गए डस्टबिन अगर साफ नहीं किए जा रहे हैं तो जानकारी दी जा सकती है।
शहर के किसी भी हिस्से में मरे जानवर की जानकारी दी जा सकती है।
आवारा पशुओं और गोवंश के घूमने के बारे में बताया जा सकता है।
स्ट्रीट डॉग और पालतू कुत्तों से अगर कोई परेशानी है तो उनके बारे में भी बता सकते हैं।