Noida Police | पुलिस आयुक्त पहले घटनास्थल और फिर अस्पताल पहुंचे
नोएडा के सेक्टर-11 में शुक्रवार की देर शाम गिरी निर्माणाधीन इमारत में दबने के कारण 2 लोगों की मौत हो गई है और तीन गंभीर रूप से घायल हैं। घायलों का नोएडा के जिला अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। घटनास्थल पर पहले गौतमबुद्ध नगर की एडिशनल पुलिस कमिश्नर अपर्णा गांगुली पहुंची थीं। उसके बाद रात करीब 10 बजे पुलिस आयुक्त आलोक कुमार सिंह घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने बचाव और राहत कार्यों का जायजा लिया। इसके बाद पुलिस आयुक्त ने जिला अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात की है।
पुलिस कमिश्नर आलोक कुमार सिंह ने बताया, "इस हादसे में 5 लोग दबे थे। सभी को बचाव और राहत दल ने निकालकर अस्पताल भेज दिया था। उपचार के दौरान दो लोगों की मौत हो गई है। 3 लोगों का इलाज किया जा रहा है। मैं यहां के बाद अस्पताल जाकर घायलों से मुलाकात करूंगा।"
घटनास्थल का दौरा करने के बाद पुलिस कमिश्नर आलोक कुमार सिंह ने नोएडा जिला अस्पताल जाकर घायलों से मुलाकात की। उनका हालचाल जाना और उपचार में लगी डॉक्टरों की टीम से भी बात की है। पुलिस कमिश्नर ने बताया, "तीनों घायल खतरे से बाहर हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इन लोगों का अच्छी तरह उपचार किया जा रहा है। हादसे में 2 लोगों की मौत हुई है। उनके परिवार वालों को इस बारे में जानकारी दे दी गई है। मरने वाले दोनों लोग कानपुर नगर के निवासी हैं।"
हादसे के बाद पुलिस ने तेजी से बचाओ और राहत कार्य किया
आपको बता दें कि नोएडा के सेक्टर-11 में सोलर पैनल बनाने वाली एक कंपनी की दूसरी मंजिल पर निर्माण कार्य चल रहा था। शुक्रवार की देर शाम अचानक हादसा हुआ और इमारत का ऊपरी हिस्सा गिर गया। मलबे में ठेकेदार और उसके चार कर्मचारी दब गए। सूचना मिलने के तुरंत बाद नोएडा पुलिस ने बचाव और राहत कार्य शुरू किया। मौके पर पुलिस, एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड पहुंचे। महज आधा घंटे में पुलिस ने सभी 5 लोगों को मलबे से निकालकर अस्पताल भर्ती करवा दिया था। हादसे के बाद एनडीआरएफ को सूचना दे दी गई थी।
हादसे की सूचना मिलने के तुरंत बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गौतमबुद्ध नगर के पुलिस कमिश्नर आलोक कुमार सिंह को तेजी के साथ बचाव और राहत कार्य करने का आदेश दिया था। उन्होंने कमिश्नर को आदेश दिया कि हादसे में घायल हुए लोगों का अच्छी तरह इलाज करवाया जाए। किसी भी तरह की परेशानी नहीं आनी चाहिए। अगर हादसा ज्यादा बड़ा है तो तत्काल एनडीआरएफ को मौके पर बुला लिया जाए। लेकिन एनडीआरएफ के आने से पहले ही गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने सभी दबे हुए लोगों को निकालने में कामयाबी हासिल कर ली थी।