BIG NEWS: नोएडा चाइल्ड हॉस्पिटल में मेडिकल उपकरणों की खरीद में 34 लाख की गड़बडी का खुलासा

नोएडा | 4 साल पहले | Tricity Reporter

Tricity Today | Noida District Hospital



नोएडा के सुपर स्पेशलिटी चाइल्ड हॉस्पिटल में मेडिकल इक्विपमेंट्स की खरीद-फरोख्त में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। अस्पताल में उपकरणों की खरीद फरोख्त में 34 लाख रुपये की गड़बडी मिली है। प्रधान महालेखाकार की जांच में सामान खरीद में अनियमितता पाई गई हैं। जांच रिपोर्ट चिकित्सा एवं शिक्षा विभाग के निदेशक को भेज दी गई है। यह ऑडिट पिछले साल दिसंबर महीने में हुआ था। जांच में टेंडर के लिए जैम पोर्टल का उपयोग नहीं किया गया। और भी कई अनियमितता पाई गई हैं। जांच रिपोर्ट जून के पहले सप्ताह में शिशु अस्पताल प्रबंधन को मिली है।

  
सुपर स्पेश्यलिटी शिशु अस्पताल एवं शिक्षण संस्थान प्रबंधन ने मार्च 2019 में अलग-अलग कीमत देकर 41 उपकरण खरीदे थे। जिससे कुल 54 लाख रुपये का खर्च आया था। वहीं, कोटेशन के आधार पर भी दो मॉनिटर खरीदे गए थे। एक मॉनिटर की कीमत करीब 49,750 रुपये का थी। वहीं, एसजीपीजीआई की अनुबंध दर पर 41 मॉनिटर के लिए संस्थान ने 54 लाख रुपये खर्च किए। 

प्रधान महालेखाकार की जांच में  इसी पर आपत्ति उठाई गई। जांच टीम ने त्रुटी पकड़ी कि एक मॉनिटर को करीब 49 हजार रुपये में खरीद सकते थे। उसके लिए अधिक राशि क्यों खर्च की गई। जांच रिपोर्ट के अनुसार कोटेशन के आधार पर 41 मॉनिटर खरीदने पर 20,39,000 रुपये का खर्च आता, जबकि 54 लाख से अधिक रुपये व्यय किए गए हैं। जांच टीम ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा है कि जैम पोर्टल, कोटेशन, ई-टेंडर के माध्यम से अगर खरीदारी होती तो करीब 34 लाख रुपये के अतिरिक्त व्यय से बचा जा सकता था। 

जांच दल के मुताबिक अलग-अलग कीमत के मॉनिटर खरीदकर संस्थान ने 34 लाख रुपये का अतिरिक्त व्यय किया है। हालांकि, इस बारे में पहले संस्थान जैम पोर्टल का न होना और अन्य पहलुओं की सफाई संस्थान दे चुका है। उसके बाद यह रिपोर्ट तैयार की गई है। इसके अलावा बिल की जांच से पहले ही संस्थान ने कंपनी को राशि का भुगतान किया है। इस पर भी कड़ी आपत्ति उठाई गई है।

सुपर स्पेश्यलिटी शिशु अस्प्ताल एवं शिक्षण संस्थान के निदेशक डॉ. देवेंदर गुप्ता का कहना है, 'जांच रिपोर्ट के बारे में मुझे जानकारी नहीं है। संस्थान में सभी काम पारदर्शी तरीके से हुए हैं। इस जांच रिपोर्ट के बारे में संबंधित विभाग से पूछताछ की जाएगी। अगर कोई त्रुटी होगी तो कार्रवाई की जाएगी।'  

एक ही गुणवत्ता के मॉनिटर को तीन कीमत में खरीद गया
प्रधान महालेखाकार की रिपोर्ट के अनुसार एक ही गुणवत्ता वाले मॉनिटर की तीन अलग-अलग कीमत पर खरीद हुई है। जिसमें कोटेशन के आधार पर करीब 49 हजार और इसके बाद 34 मॉनिटर करीब एक लाख और सात मॉनिटर 1,96,000 हजार की दर से खरीदे गए हैं। जांच टीम की आपत्ति है कि जब एक की गुणवत्ता वाले उपकरण कम कीमत में मिल रहे थे तो उसके लिए अधिक रुपये क्यों खर्च किए गए। इससे राजस्व का नुकसान हुआ है।

अन्य खबरें