Tricity Today | गेस्ट हाउस को आइसोलेशन वॉर्ड में बदला
नोएडा की एक हाउसिंग सोसायटी ने बड़ी पहल की है। सोसाइटी की अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन ने गेस्ट हाउस को क्वारंटाइन और आइसोलेशन वार्ड में तब्दील कर दिया है। आने वाले समय में आपातकालीन परेशानियों से अपने निवासियों को बचाने के लिए सोसाइटी ने यह फैसला लिया है। सोसाइटी की एओए का कहना है कि जिला प्रशासन और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए इन सुविधाओं का उपयोग किया जाएगा।
नोएडा में सेक्टर 93A की एल्डिको यूटोपिया सोसाइटी में पहले से बने 5 गेस्ट रूम को आइसोलेशन वार्ड बनाया गया। यह सुविधा सिर्फ सोसाइटी के लोगों के लिए है। अस्पतालों मे बढ़ रही भीड़ और बहुत महंगे उपचार के कारण सोसायटी के निवासियों ने यह कदम उठाया है। सोसाइटी में कई डॉक्टर रहते हैं। उनकी मदद से यह काम किया गया है। डॉक्टर ही इस वार्ड की देखरेख करेंगे। यहां किसी निवासी को उपचार का कोई पैसा नहीं देना होगा। पूरी सुविधा सोसाइटी की ओर से दी जाएगी।
सोसाइटी की रेजिडेंट्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट प्रमोद मिश्रा ने कहा, " हमारे पास गेस्ट हाउस में पांच-छह अच्छे कमरों का इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध है। अभी लॉकडाउन के चलते उनका कोई उपयोग नहीं हो पा रहा है। सभी कमरे करीब 3 महीने से बंद पड़े हुए हैं। हम लोग रोजाना इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और प्रिंट मीडिया में देख रहे हैं कि किस तरह से लोगों को इलाज के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आने वाले दिनों में यह स्थिति और खराब होने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में हम लोगों ने हमारे पास पहले से मौजूद इंफ्रास्ट्रक्चर का उपयोग करने की योजना बनाई है।"
प्रमोद मिश्रा ने बताया कि सोसायटी में रहने वाले डॉक्टरों का मार्ग निर्देशन लेकर गेस्ट हाउस में एक क्वारंटाइन वार्ड बनाया गया है। वहां आइसोलेशन की सुविधा भी विकसित की गई है। डॉक्टरों के की देखरेख में ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीमीटर और कई दूसरे उपकरण लगाए गए हैं। जरूरत पड़ने पर हम अपने लोगों के लिए इनका उपयोग कर सकते हैं। प्रमोद मिश्रा आगे कहते हैं, "इस पूरी सुविधा का उपयोग करने के लिए हम गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और सरकार की निर्धारित गाइडलाइंस का पालन करेंगे। उनकी अनुमति मिलने के बाद ही इसका उपयोग किया जाएगा। यह हमारी ओर से एक छोटा सा प्रयास है।"
प्रमोद मिश्रा कहते हैं, "यह महामारी एक ऐसी परेशानी है, जिसका सामना अकेले सरकार और जिला प्रशासन नहीं कर सकते हैं। आम आदमी, हाउसिंग सोसायटी, सामाजिक संस्थाओं और सरकारी निकायों को मिलकर इस संकट का सामना करना होगा। इसी भावना को ध्यान में रखकर हम लोगों ने यह पहल की है।" प्रमोद मिश्रा का कहना है कि इस सुविधा का उपयोग केवल हमारी हाउसिंग सोसायटी के निवासी कर सकेंगे। हम चाहते हैं कि हमारे परिवार का कोई भी सदस्य इस संकट का सामना नहीं करे। अगर दुर्भाग्यवश उसे संक्रमण हो जाए तो हम उसे हर संभव मदद करने के लिए आगे आना चाहते हैं। अगर किसी को अस्पताल में जगह मिलने में परेशानी होगी तो उस समय यह फैसिलिटी कारगर साबित हो सकती है।
वह कहते हैं, "मैं दोबारा दोहराना चाहता हूं कि हम इस सुविधा का उपयोग स्वास्थ्य विभाग के मानकों और निगरानी में ही करेंगे। स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की ओर से दिए गए नियमों और निर्देशों का पूरी तरह पालन किया जाएगा। हमारा मकसद केवल अपने लोगों को परेशानी से बचाना है। इस पूरी सुविधा की एवज में हम अपने लोगों से किसी भी तरह का चार्ज नहीं लेंगे।" एल्डिको सोसायटी ने शहर को एक राह दिखाई दिखाई है। शहर की हाउसिंग सोसाइटीज के पास ऐसी सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिनका आपातकालीन परिस्थितियों में बेहतर इस्तेमाल किया जा सकता है।