Google Image | Greater Noida Authority
लीज बैक मामले की जांच के गठित एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। लीजबैक में शासनादेश का उल्लंघन हुआ है। नियमों की अनदेखी कर लाभ दिया गया। वहीं, लाभ पाने वालों में कितने बाहरी व कितने स्थानीय लोग हैं, यह जिला प्रशासन पता लगाएगा।
शासन ने यमुना प्राधिरकण के सीईओ डा. अरुणवीर सिंह की अध्यक्षता में एसआईटी गठित कर लीज बैक के सभी मामलों की जांच सौंपी थी। बताया जाता है कि एसआईटी ने जांच के बाद अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। लीज बैक में शासन के आदेश का उल्लंघन हुआ है। नियमों की अनदेखी कर बाहरी लोगों को भी फायदा पहुंचाया गया है।
एसईआटी ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने लीजबैक का लाभ लेने वाले बाहरी लोगों की सूची मांगी थी, लेकिन सूची नहीं दी गई। इसलिए जांच में इस बिंदु पर को छोड़ा गया है। शासन ने जिला प्रशासन से कहा है कि वह पता करे लीज बैक का लाभ लेने वाले कितने लोग बाहरी हैं। जिला प्रशासन जमीन के रिकार्ड के आधार पर यह तय करेगा कि लीजबैक का लाभ पाने वालों में कितने बाहरी लोग शामिल हैं। यह रिपोर्ट मिलने के बाद कुछ लोगों पर कार्रवाई हो सकती है।