लॉ के छात्रों के लिए खास खबर, डिग्री कोर्स के लिए इस सब्जेक्ट की पढ़ाई अनिवार्य हुई

Google Image | बार काउंसिल ऑफ इंडिया



कानून की पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए खास खबर है। अब एलएलबी डिग्री के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने "मध्यस्था से सुलह" विषय को अनिवार्य विषय के रूप में अधिसूचित किया है। देवराज एडवोकेट ने बताया कि बार काउंसलिंग ऑफ इंडिया ने अधिसूचित किया है कि मध्यस्था से सुलह विषय सत्र 2020-2021 से एलएलबी डिग्री कोर्स में अनिवार्य विषय के रूप में प्रभावी होगा।

गौतम बुद्ध नगर के अधिवक्ता देवराज बैसोया ने बताया कि यह 45 घंटे का कोर्स कंपोनेंट होगा, जो कि 3 वर्ष और 5 वर्ष के एलएलबी पाठ्यक्रम और गैर ऑनर्स दोनों के लिए अनिवार्य होगा। बीसीआई ने भारत के सभी विश्वविद्यालय के कुलपतियों को संबोधित करते हुए कहा है कि उसका मुख्य उद्देश्य भारतीय विधिक प्रणाली का सुधार है। मध्यस्था और सुलह की कला में छात्रों को प्रशिक्षित करना और अदालतों का बोझ कम करना है।

इस विषय के लिए आवश्यक शिक्षकों की योग्यता किसी भी अधिकारी संस्था के परामर्श से बीसीआई की ओर से तय की जाएगी। ऐसे शिक्षकों की योग्यता यूजीसी के लिए फिट होनी चाहिए। फिलहाल कम से कम 10 वर्ष की वकालत का अनुभव, इन विषय में ज्ञान और व्यावहारिक अनुभव वाले उम्मीदवार यह विषय पढ़ा सकते हैं। जिसके पास इस विषय में 2 साल की एलएलएम डिग्री हो। उसके आवेदन आमंत्रित किए जा सकते हैं।

इस विषय पर भारत के मुख्य न्यायाधीश ने सहमति जताई है कि एलएलबी के छात्रों को मध्यस्थ की कला सिखाई जाए। क्योंकि यह अदालतों में बढ़ते बैकलोग और मामलों की बढ़ोतरी को कम करने में सहायता करेगा।

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