नोएडा में 23वें शशिकांत मेमोरियल क्रिकेट टूर्नामेंट का आगाज : खेल से मोक्ष तक की कहानी, अतिथियों की जुबानी

नोएडा | 12 महीना पहले | Subodh Kumar

Tricity Today | जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा



Noida News : आज से ठीक 24 साल पहले नोएडा के रणबांकुरे ने सियाचिन में देश की रक्षा में अपनी कुर्बानी दे दी थी। उस वीर सपूत को हर साल याद करने के लिए पांच अक्टूबर को क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया जाता है। मानव सेवा समिति, नोएडा स्पोर्ट्स ट्र्रस्ट और जिला क्रिकेट संघ की ओर से आयोजित 23वें शशिकांत मेमोरियल क्रिकेट टूर्नामेंट का गुरुवार को आगाज हुआ। इसका उद्घाटन मुख्य अतिथि गौतमबुद्ध नगर के डीएम मनीष कुमार वर्मा और विशिष्ट अतिथि डीसीपी रामबदन सिंह ने किया। उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता रिटायर्ड आईएएस एनपी सिंह ने की। 
टूर्नामेंट का आकार बढ़ाने की जरूरत
उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने कहा कि उन माता पिता को नमन है, जिन्होंने ऐसे वीर सपूत को जन्म दिया। जवान बच्चे को खोने वाले माता पिता की कुर्बानी भी कम नहीं होती है। स्टेडियम को देखकर अभिभूत हुए जिलाधिकारी ने कहा ​कि यह स्टेडियम बड़ा और बढ़िया है। उन्होंने इच्छा जताई कि शशिकांत मेमोरियल टूर्नामेंट को बड़ा किया जाए। इसे ऐसा बनाया जाए,​ जिससे निकलने वाले खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर खेलकर इस टूर्नामेंट और देश का नाम रोशन करें। उन्होंने इस टूर्नामेंट को प्रदेश स्तरीय बनाने की बात कही। इसके लिए वह जिला प्रशासन को आधिकारिक रूप से जोड़ने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि जिले मे खेलकूद प्रोत्साहन समिति होती है। उसके माध्यम से खेलों का प्रचार प्रसार किया जाता है। डीएम ने जरूरत पड़ने पर इस टूर्नामेंट को प्रशासन की ओर से आर्थिक मदद भी मुहैया कराने का भरोसा दिया। 

वह भी अपनी जान पर खेल गए 
गौतमबुद्ध नगर कमिश्नरेट में तैनात डीसीपी राम बदन सिंह ने कहा कि किसी कार्य में निरंतरता सबसे अहम होती है। यह टूर्नामेंट 23वें वर्ष में भी हो रहा है। यह बहुत अच्छी बात है। उन्होंने खेल शब्द पर दिलचस्प बात कही। उन्होंने कहा कि क्रिकेट के इस खेल से शहीद शशिकांत शर्मा का नाम जुड़ा है। खेल एक ऐसा शब्द है, जिसके नाम से जितने मुहावरे बने हैं, उतने किसी और शब्द से नहीं बने हैं। खेल हो गया, दाहिने हाथ का खेल है, बाएं हाथ का खेल है, बहुत बड़ा खिलाड़ी है, खेला हो गया, खेल ही खेल में। और अंत में कहा, वह भी अपनी जान पर खेल गए, अपने देश की सुरक्षा के लिए। उन्होंने कहा कि ये जो खेल शुरू हुआ है, वह खेल कभी रुकना नहीं चाहिए।

स्वर्गीय का अर्थ ही है स्वर में गमन करना
उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता कर रहे रिटायर्ड आईएएस एनपी सिंह ने कहा कि जो लोग अपना सर्वस्व समर्पण कर देते हैं, वह दिग्दिगंत तक, अतंत काल तक स्वर में भ्रमण करते हैं। लोगों की चर्चाओं में रहते हैं। इसलिए उन्हें स्वर्गीय कहा जाता है। स्वर्गीय का अर्थ ही है स्वर में गमन करना। कोई व्यक्ति भौतिक रूप से भले ही हमारे बीच न रहे, लेकिन उनके काम और उनकी यादें सदियों ​तक युवाओं के लिए प्रेरणा पुंज बनकर रहते हैं। अपने ओजस्वी भाषण में मोक्ष को बड़े ही दिलचस्प ढंग से बताया। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में मोक्ष की अवधारणा हैं। गुफा में साधना से मोक्ष की बात कही जाती है। वेदों में कहा गया है यज्ञ से मोक्ष की प्राप्ति होती है। उपनिषदों में कहा गया है कि आध्यात्म और ब्रह्मविद्या के बोध से मोक्ष मिलेगा। गीता में कहा गया है कि निर्वाण उसे प्राप्त होता है, जो द्वंद्व रहित आत्मस्वरूप का बोध करके लोकहित में हमेशा रत रहता है और अपना सर्वस्व समर्पण करने के लिए प्रतिबद्ध रहता है, उसे मोक्ष प्राप्त होता है। 

एनपी सिंह ने प्रकृति के भी मोक्ष का वर्णन किया। कहा, प्रकृति भी मोक्ष की प्राप्ति अपने तरीके से करती है। प्रकृति में जो सार्मथ्य होता है, उसे वह लोकहित में वितरित कर देता है। #npsingh #noida pic.twitter.com/PQTukSKixT

— Tricity Today (@tricitytoday) October 5, 2023 प्रकृति को भी होती है मोक्ष प्राप्ति
एनपी सिंह ने प्रकृति के भी मोक्ष का वर्णन किया। कहा, प्रकृति भी मोक्ष की प्राप्ति अपने तरीके से करती है। प्रकृति में जो सार्मथ्य होता है, उसे वह लोकहित में वितरित कर देता है। बादल जब बारिश कर देता है, तब उसे मोक्ष मिल जाता है। वृक्ष जब फल, फूल और छाया दे देता है, तब उसे मोक्ष प्राप्त हो जाता है। पुष्प जब अपने सुगंध से वातावरण को सुगंधित कर देता है, तब उसे मोक्ष प्राप्त होता है। इस तरह मनुष्य भी जब प्रकृति की ओर मिले सार्मथ्य का उपयोग कर लेता है, तब उसे मोक्ष प्राप्त हो जाता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रहित से बड़ा, लोकहित का कोई विषय हो ही नहीं सकता। यह बात भारतीय संस्कृति में वैदिक काल से लेकर आधुनिक काल तक सभी ​ऋषियों और मनीषियों ने कही है। 

डीसीपी की गेंद पर डीएम ने का जबरदस्त शॉट
सेक्टर-21ए स्थित नोएडा स्टेडियम के किक्रेट ग्राउन्ड पर गुरुवार को 23वें शशिकांत शर्मा मेमोरियल क्रिकेट टूर्नामेंट की शुरुआत हुई। इसका उद्घाटन ​डीएम मनीष कुमार वर्मा, डीसीपी रामबदन सिंह और रिटायर्ड आईएएस अफसर एनपी सिंह ने किया। फीता काटने के बाद डीसीपी रामबदन सिंह ने गेंद फेंकी और डीएम मनीष कुमार वर्मा ने जोरदार शॉट लगाया। इसके बाद अतिथियों ने खिलाड़ियों का परिचय लिया और उन्हें खेल भावना से खेलने की सीख दी और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।

इन्होंने बढ़ाई समारोह की शोभा
शहीद शशिकांत शर्मा के पिता फ़्लाइट लेफ्टिनेंट जेपी शर्मा, माता सुदेश शर्मा, भाई डॉक्टर नरेश शर्मा, डॉक्टर संगीता शर्मा, वरिष्ठ अधिवक्ता अमित खेमका, सुरेश शर्मा, महेंद्र अवाना, आरके शर्मा, सुधीश चौधरी, अधिवक्ता कमल निझावन, मानव सेवा समिति के अध्यक्ष यूके भारद्वाज, जनसेवा समिति के चेयरमैन रविकांत मिश्रा, सुभाष शर्मा, एमएल शर्मा, राकेश शर्मा, आज़ाद सिंह, मनीष शर्मा, अतुल गौड़, भूपेन्द्र शर्मा, शुभम भारद्वाज, राजेंद्र सिंह, शिवा भारद्वाज, सुरेखा गौड़, संसृति भारद्वाज, अमन भारद्वाज, कांग्रेस नेता यतेन्द्र शर्मा, जिला प्रभारी एंटी टेररिस्ट फ्रंट हरवीर यादव आदि मौजूद थे।

अन्य खबरें