Noida News : आम्रपाली के प्रोजेक्ट में पिछले 14 सालों से हजारों बायर्स फंसे हुए हैं। 2019 में जब सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली के बोर्ड को भंग करते हुए इसके अधूरे प्रोजेक्ट पूरे करने की कमान कोर्ट रिसीवर के हाथ में दी थी, तो उस समय तीन साल की डेडलाइन दी गई थी। इस अवधि में करीब 38 हजार फ्लैट का निर्माण व फिनिशिंग का कार्य पूरा करने के साथ फ्लैट बायर्स को हैंडओवर करने की बात रखी गई थी। हालांकि अब तक बायर्स का इंतजार खत्म नहीं हो सका है।
एनबीसीसी कर रही है काम
कोर्ट रिसीवर की निगरानी में इन प्रोजेक्ट का निर्माण पूरा करने का काम एनबीसीसी कर रही है। पांच साल गुजरने के बाद भी स्थिति यह है कि करीब 38 हजार फ्लैटों में से 22 हजार फ्लैट एनबीसीसी ने पूरे करके कोर्ट रिसीवर को सौंप दिए हैं लेकिन इन तैयार फ्लैटों में से केवल 8 हजार बायर्स को ही हैंडओवर मिल पाया है। 14 हजार बायर्स का इंतजार अभी भी बरकरार है।
14 हजार फ्लैट तैयार लेकिन बायर्स खाली हाथ
पिछले पांच साल में एनबीसीसी ने 22 हजार 14 फ्लैट तैयार करके कोर्ट रिसीवर को सौंप दिए हैं, लेकिन इनमें से सिर्फ 8 हजार बायर्स को पजेशन मिला है। जिन बायर्स को पजेशन नहीं मिला है, इनमें कुछ बायर्स इस वजह से हैंडओवर नहीं ले रहे हैं, क्योंकि अभी मूलभूत सुविधाएं भी पूरी नहीं हैं। बहुत से बायर्स लगातार कोर्ट रिसीवर की टीम के चक्कर काट रहे है, क्योंकि किसी पर पेनल्टी लगा दी गई है तो किसी के दस्तावेजों में आपत्तियां लगी है।
किस प्रोजेक्ट में कितने फ्लैट बने
ईडन पार्क में 3 फ्लैट बने हैं। कैसल में 12, सफायर-1 में 34, सफायर-2 में 381, प्रिंसले एस्टेट में 261 और जोडिएक में 535 फ्लैट बने हैं। प्लैटिनम, टाइटेनियम में 85, सिलीकॉन सिटी में 283, सिलीकॉन सिटी-2 में 871, गोल्फ होम्स में 4210 और किंग्सवुड में 1596 फ्लैट बने हैं। सेंचुरियल पार्क (लो राइज) में 600, सेंचुरियन पार्क (ओ-2 वैली) में 800, लेजर पार्क में 2993, लेजर वैली विला में 490 और ड्रीम वैली विला में 379 फ्लैट बने हैं।
10 प्रोजेक्टों में जारी हैं निर्माण
एनबीसीसी के सीएमडी केपीएस स्वामी के अनुसार आम्रपाली के 10 प्रोजेक्टों में एनबीसीसी की ओर से इस समय भी निर्माण चल रहा है। इनमें कुछ फ्लैट तैयार हो गए हैं, बाकी फ्लैट दिसंबर 2024 तक तैयार करने का दावा किया जा रहा है। केवल एक प्रोजेक्ट आदर्श आवास योजना का है, जो कि मार्च 2025 तक पूरा किए जाने का एनबीसीसी की ओर से दावा किया जा रहा है।