नोएडा में एक्सपीरियन डेवलपर्स को वापस मिलेगी जमीन : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सेक्टर 45 में 4.8 एकड़ जमीन पर कब्जा वापस देने को कहा

नोएडा | 16 घंटा पहले | Lokesh Chauhan

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Noida News : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक्सपीरियन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड को सेक्टर 45 में 4.8 एकड़ जमीन पर कब्जा लेने की अनुमति दे दी है। इस जमीन का आवंटन एक साल पहले एक ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए किया गया था। अदालत ने प्रोजेक्ट के पास की कांशीराम आवासीय योजना के तहत बसाई गई ईडब्ल्यूएस कॉलोनी के निवासियों का याचिका को खारिज कर दिया है। याजिका में दावा किया गया था कि भूमि का उपयोग नागरिक सुविधाओं और उनके लिए एक पहुंच मार्ग के निर्माण के लिए किया जाना चाहिए। 

ई-ऑक्शन में खरीदी थी जमीन
एक्सपीरियन को आवंटित भूमि के खिलाफ याचिका दायर करने वाले निवासी प्राधिकरण द्वारा साल 2008 में काशीराम शहरी गरीब आवास योजना के तहत विधवाओं, शारीरिक रूप से दिव्यांग और गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों के लिए विकसित की गई कॉलोनी में रहते हैं। दिसंबर 2022 में नोएडा अथॉरिटी ने इस भूखंड के आवंटन के लिए ई-ऑक्शन के तहत योजना निकाली थी। एक्सपीरियन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड ने 200 करोड़ रुपये का प्रीमियम देकर यह जमीन ग्रुप हाउिसंग प्रोजेक्ट के लिए ली थी। जुलाई 2023 में नोएडा अथॉरिटी ने बिल्डर को जमीन का कब्जा प्रमाण पत्र जारी किया था। 

निवासियों ने प्रदर्शन कर रुकवाया था निर्माण कार्य 
ईडब्ल्यूएस कॉलोनी में रहने वाले लोगों ने आवंटन को चुनौती दी थी। लोगों ने तर्क दिया था कि इस जमीन को सामुदायिक केंद्र और ईडब्ल्यूएस कॉलोनी तक पहुंच मार्ग के लिए आरक्षित किया जाना चाहिए था। कुछ निवासियों ने उस समय प्रोजेक्ट साइट के चारों ओर लगाई गई तार की बाड़ को तोड़ दिया था। जमीन पर अतिक्रमण करने का प्रयास किए जाने के साथ ही विरोध प्रदर्शन करने के दौरान निर्माण कार्य को रोक दिया। प्राधिकरण ने अदालत को सूचित किया कि कुछ लोगों ने साइट पर अवैध रूप से अस्थायी कंट्रक्शन करने का भी प्रयास किया। 

लोगों ने डाली तीन और बिल्डर ने एक याचिका 
निवासियों ने भूमि आवंटन के खिलाफ तीन याचिकाएं दायर कीं, एक्सपीरियन ने जवाब में एक याचिका दायर की। सुनवाई के दौरान अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि नोएडा अथॉरिटी एक्सपीरियन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड को भूमि आवंटित करने के अपने अधिकार के भीतर था क्योंकि इसे कभी भी ईडब्ल्यूएस कॉलोनी का हिस्सा नहीं माना गया था। न्यायालय ने कहा कि ऐसा कुछ भी रिकॉर्ड में नहीं लाया गया, जिससे पता चले कि इस भूमि को कभी भी भविष्य के विकास के लिए चिह्नित किया गया हो या इसका उपयोग सड़क के रूप में किया जा सकता हो। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि प्राधिकरण ने निवासियों के साथ समझौता करने की कोशिश की थी, जिसमें पास के पानी के टैंक के परिसर से भूमि का उपयोग करके 9 मीटर सड़क को 12 मीटर तक चौड़ा करने की पेशकश की गई थी। न्यायालय ने टिप्पणी की कि निवासियों ने इस व्यवस्था पर सहमति जताई थी। हालांकि, सुनवाई के दौरान एक याचिकाकर्ता समझौते से मुकर गया।

बिना किसी हस्तक्षेप के निर्माण जारी रखवाने के दिए आदेश
प्राधिकरण ने तर्क दिया कि इस एक आपत्ति ने पूरे प्रोजेक्ट को रोक दिया है। इसने यह भी तर्क दिया कि याचिकाकर्ता, जिन्हें मुफ्त में घर आवंटित किए गए थे, वे अब अतिरिक्त रियायत पाने की कोशिश कर रहे थे। न्यायालय ने समझौता करने के प्राधिकरण के निर्णय का समर्थन किया। न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार द्वारा 25 अक्टूबर को दिए गए आदेश में कहा गया कि यह न्यायालय ईडब्ल्यूएस कॉलोनी के आवंटियों को लाभ देने या अनुमति देने के लिए नोएडा प्राधिकरण की ओर से एक बहुत ही सकारात्मक कदम मानता है, जो पहले नहीं दिया गया था। न्यायालय ने प्राधिकरण से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि एक्सपीरियन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड को शांतिपूर्ण तरीके से भूमि सौंपी जाए और वह बिना किसी हस्तक्षेप के निर्माण कार्य जारी रख सके। पीठ ने प्राधिकरण को दो महीने के भीतर 9 मीटर सड़क को चौड़ा करने का भी आदेश दिया।

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