Noida News : बकाएदार बिल्डरों द्वारा नोएडा अथॉरिटी को भुगतान न किए जाने और बार-बार नोटिस के बाद भी जवाब न दिए जाने को लेकर अब अथॉरिटी ने सख्त कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। हाल ही में नोएडा अथॉरिटी ने नोएडा के स्पोर्टस सिटी प्रोजेक्ट के चार बिल्डर और 48 सब बिल्डरों को नोटिस भेजने का निर्णय लिया है। इन पर नोएडा अथॉरिटी का 10 हजार 500 करोड़ रुपये लंबे समय से बकाया है। हालांकि स्पोर्टस सिटी प्रोजेक्ट का मामला पीएसी में चल रहा है, लेकिन नोएडा अथॉरिटी बकाया वसूलने की कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है।
2008 में निकाली भी योजना
नोएडा अथॉरिटी ने खेल गतिविधियों को बढ़ावा दिए जाने के साथ ग्रुप हाउसिंग और कामर्शियल गतिविधियों को एक जगह एक ही छत के नीचे लाने की योजना बनाई थी। इसके लिए नोएडा में स्पोर्टस सिटी प्रोजेक्ट की परिकल्पना तैयार करने की प्लानिंग की थी। इसके लिए सलाहकार कंपनी के रूप में ग्रांड थॉर्नटन का चयन किया गया था। साल 2008 में पहली बार स्पोर्टस सिटी प्रोजेक्ट के तहत नोएडा अथॉरिटी ने स्कीम लॉन्च की थी। स्कीम को 2009 तक बढ़ाया गया। इसके बाद इसमें जमीन को बढ़ाते हुए साल 2010-11 से 2015-16 के बीच 32 लाख 30,500 वर्गमीटर जमीन के लिए सेक्टर-78, 79, 101 और 150 में और साल 2014-15 में सेक्टर-150 और साल 2015-16 में सेक्टर-152 में योजना निकाली गई।
70 प्रतिशत जमीन पर विकसित करनी थी खेल गतिविधियां
योजना के तहत जिस भी बिल्डर को इस जमीन का आवंटन किया जाना था, उसके लिए प्राथमिक शर्त यह थी कि जमीन के 70 प्रतिशत भूमि का प्रयोग स्पोर्टस सिटी में खेल गतिविधियों के लिए किया जाएगा। बाकी 30 प्रतिशत जमीन पर ग्रुप हाउसिंग और कामर्शियल एक्टिविटी की जा सकेंगी। स्कीम को लॉन्च करते समय जमीन के लिए आरक्षित मूल्य 12 हजार 500 रुपये प्रतिवर्गमीटर तय किया गया था। स्कीम में जानडु इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड को सेक्टर-78, 79 और 101 में 7 लाख 27,500 वर्गमीटर जमीन दी गई। लॉजिक्स इंफ्रा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड को सेक्टर-150 में 8 लाख वर्गमीटर, लोट्स ग्रीन्स कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को भी सेक्टर-150 में 12 लाख वर्गमीटर और एटीएस को सेक्टर-152 में 5 लाख 3000 वर्गमीटर जमीन आवंटित की गई।
सब बिल्डरों को बेची जमीन, अथॉरिटी में जमा नहीं किया पैसा
जमीन का आवंटन उस समय कुल आवंटन मूल्य का मात्र 10 प्रतिशत जमा करने के बाद बिल्डर के पक्ष में कर दिया गया। नोएडा अथॉरिटी के नियमों को ताक पर रखकर इन मूल आवंटी के रूप में सामने आए चारों डेवलपर्स ने चारों भूखंडों को 48 सब डेवपर्स को टुकड़ों में बेच दिया। जिसमें 46 भूखंडों के नक्शे प्राधिकरण ने अप्रूव किए थे। सब बिल्डरों से पैसा लेने के बावजूद मूल आवंटी चारों बिल्डरों ने नोएडा अथॉरिटी में बाकी का 90 प्रतिशत पैसा जमा नहीं कराया। अब प्राधिकरण इन मूल आवंटियों के साथ सब बिल्डर आवंटियों को नोटिस जारी कर बकाया धनराशि की वसूली की कार्रवाई करने जा रहा है।
इतना पैसा है बिल्डरों पर बकाया
जनाडु इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड (कंसोटियम) के रूप में है। इस पर सेक्टर-78, 79 ओर 101 में आवंटित भूखंड के एवज में मार्च 2024 तक 1356.88 करोड़ बकाया है। लॉजिक्स इंफ्रा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड को सेक्टर-150 में आवंटित किए गए भूखंड के एवज में 2964.23 करोड़ रुपे बकाया है। लोट्स ग्रीन्स कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड (कंर्सोटियम) को सेक्टर-150 में आवंटित भूखंड के एवज में 2969.87 करोड़ रुपये बकाया है। वहीं एटीएस होम्स प्राइवेट लिमिटेड को सेक्टर-152 में आवंटित भूखंड के एवज में 2027.82 करोड़ बकाया है।