Lok Sabha 2024 : वेस्ट यूपी में महिलाओं पर दांव लगाएगी भाजपा, डॉ. महेश शर्मा की दावेदारी पर संकट

नोएडा | 9 महीना पहले | Deepak Sharma

Tiricity Today | Lok Sabha 2024



Noida News : देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी भाजपा के बारे में कहा जाता है कि वे ऐसे पीएम हैं, जो साल के 365 दिन चुनावी मोड में रहते हैं। लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर एक तरह से अघोषित रणभेरी बज चुकी है। नए साल में 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला के बाल स्वरूप की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के बाद किसी भी समय निर्वाचन आयोग चुनाव का ऐलान कर देगा। चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर सभी राजनैतिक दल अपने लिए गोटियां फिट करने में जुट गए हैं। सबसे ज्यादा लोकसभा की 80 सीटें देने वाले उत्तर प्रदेश पर पीएम मोदी और भाजपा का पूरा ध्यान है। यूपी की इन्हीं 80 सीटों से देश का मूड तय होना माना जाता है। इसको लेकर पीएम मोदी और भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह भी नए सिरे से तैयारियों को अमलीजामा पहनाने में जुट गए हैं। इसमें सबसे ज्यादा वेस्ट यूपी की सीटों पर ही उनका पूरा ध्यान केंद्रित है...

जाटों और किसानों की नाराजगी दूर करने में जुटे
उत्तर प्रदेश को अवध, पूर्वांचल, बुंदेलखंड, पश्चमी यूपी में बांटा गया है। पश्चिमी यूपी में लोकसभा की कुल 27 सीटें हैं। साल 2019 लोकसभा चुनाव में पश्चिमी यूपी में बीजेपी को फायदा मिला था। यहां की 27 सीटों में से 19 सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी। यहां की 8 सीटों पर महागठबंधन के उम्मीदवार जीते थे। इसमें समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के खाते में 4-4 सीटें आईं थीं। अब लोकसभा चुनाव 2019 वाली स्थिति नहीं है। इन दिनों पीएम मोदी और अमित शाह के लिए सबसे ज्यादा जो परेशान करने वाला क्षेत्र भी वेस्ट यूपी ही है। तीन कृ​षि कानून, एमएसपी का वादा पूरा न होने और महिला पहलवानों के साथ हुए दुर्व्यवहार को लेकर पश्चिमी यूपी के लोगों, खासकर जाट वोटरों में बेहद नाराजगी है। मोदी और शाह इस बात से बखूबी वाकिफ हैं। इसलिए दोनों दिग्गज इस क्षेत्र के लिए नए सिरे से रणनीति बनाने में जुटे हैं।

वेस्ट यूपी से एक भी महिला सांसद नहीं
यूपी की 80 लोकसभा सीटों में पार्टी की सिर्फ 11 सांसद महिलाएं हैं। यानी लोकसभा में यूपी से सिर्फ 14 फीसदी महिलाओं की हिस्सेदारी है। पीएम मोदी चाहते हैं कि इस संख्या में इजाफा हो और अधिक से अधिक महिलाएं लोकसभा में पहुंचें। वर्तमान में वेस्ट यूपी की 27 सीटों में से एक भी महिला सांसद नहीं हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए पश्चिमी यूपी से बीजेपी आधी आबादी पर बड़ा दांव लगा सकती है। चर्चा है कि इस बार 4-5 सीटों पर भाजपा महिला प्रत्याशी उतारेगी।

गौतमबुद्धनगर से महिला को टिकट
गौतमबुद्धनगर की लोकसभा सीट वेस्ट यूपी के सबसे चर्चित सीटों में शुमार है। यह सीट अपने अस्तित्व में आने के बाद से ही भाजपा के खाते में है। यहां से पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. महेश शर्मा लगातार दो बार से सांसद हैं। लेकिन, इस बार यहां महिला उम्मीदवार के नाम की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है। इसमें बुलंदशहर की जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. अंतुल तेवतिया का नाम सबसे ऊपर बताया जा रहा है। भाजपा और संघ के इंटरनल सर्वे में डॉ. अंतुल तेवतिया की दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है। डॉ. अंतुल तेवतिया संघ परिवार से आती हैं और वेस्ट यूपी का एक चर्चित जाट चेहरा भी हैं। संभावना जताई जा रही है कि यहां से डॉ. महेश शर्मा का टिकट कट सकता है। बताया जा रहा है कि क्षेत्र में डॉ. महेश शर्मा की घटती लोकप्रियता भी उनके दावेदारी के सामने बड़ा संकट बन सकती है। दूसरी ओर, इस सीट पर गौतमबुद्ध नगर में डीएम रहे आईएएस बीएन सिंह भी टिकट के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं।

इन सीटों से भी महिला प्रत्याशी
भाजपा एक बार फिर पूर्व सांसद और अभिनेत्री जयाप्रदा को उम्मीदवार के तौर पर संभल से अपना चेहरा बना सकती है। बुलंदशहर लोकसभा सीट सुरक्षित से वर्तमान में डॉ. भोला सिंह सांसद हैं, लेकिन यहां से राज्यसभा सांसद कांता कर्दम की उम्मीदवारी तय मानी जा रही है। पार्टी उन्हें पिछला मेयर का चुनाव भी लड़ा चुकी है। वह यूपी में साल 2022 विधानसभा चुनाव में स्क्रीनिंग कमेटी का भी हिस्सा रही हैं। हापुड़ की जिला पंचायत अध्यक्ष रेखा नागर को अमरोहा लोकसभा सीट और मुरादाबाद की जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. शैफाली को उम्मीदवार बनाया जा सकता है। बता दें हाल ही में दिल्ली में हुई दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भी महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने के मुद्दे पर प्रमुखता से चर्चा हुई है।

एक तीर से निशाने कई
भाजपा और एनडीए गठबंधन के लिए पूर्वी यूपी में श्रीराम मंदिर और पीएम नरेंद्र मोदी ही काफी हैं। वहां के लिए पार्टी को किसी नई रणनीति की जरूरत नहीं है। पीएम मोदी और भाजपा का फोकस इस समय पश्चिमी यूपी पर ही है। यहां पीएम मोदी एक तीर से कई निशाने साधने की जुगत में हैं। पार्टी के आंतरिक सूत्रों का भी कहना है कि पीएम मोदी वेस्ट यूपी पर खास फोकस कर रहे हैं। तीन कृषि कानूनों और महिला पहलवानों के साथ हुए दुर्व्यवहार से पश्चिमी यूपी के वोटर, खासकर जाट मतदाता बेहद नाराज हैं। मोदी और शाह भी इस बात को बखूबी समझ रहे हैं। पार्टी के दोनों शीर्ष नेताओं की कोशिश है कि महिलाओं पर दांव लगाकर वे जाटों की नाराजगी दूर की जाए। पार्टी नारी शक्ति वंदन अधिनियम के नाम पर भी आधी आबादी को साधने की कोशिश करने की रणनीति पर काम कर रही है। पार्टी नए चेहरा बदलकर एंटी इनकंबेंसी से भी बचने की चाल चल रही है। ये सारी बातें अभी सिर्फ कयासों तक ही सीमित है। देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा के ये दो जादूगर क्या गुल खिलाते हैं।

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