Noida News : नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 25 हजार से ज्यादा फ्लैट पूरी तरह तैयार हैं, लेकिन इनके मालिक शिफ्ट नहीं कर सकते। दरअसल ज्यादातर में गलती बिल्डर्स की है। उनकी लापरवाही की वजह से घर खरीदारों के लिए अपने ही घर पर कब्जे का इंतजार बढ़ता ही जा रहा है। हैरानी की बात यह है ज्यादातर में समस्याएं बहुत बड़ी नहीं हैं। छोटी-छोटी चूक से बड़ी संख्या में घर खरीदारों को अनावश्यक इंतजार करना पड़ रहा है। उन्हें घर की ईएमआई और किराए की दोहरी मार झेलनी पड़ रही है।
छोटी-सी लापरवाही से अटके हजारों
कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (क्रेडाई) के मुताबिक बिल्डरों की ओर से लापरवाही ना हो तो हजारों खरीदारों को राहत की सांस आए। कई परियोजनाओं में अग्निशमन और संरचनात्मक सुरक्षा का प्रमाणपत्र नहीं मिला है। बहुत से मामलों में बिल्डरों ने अभी तक नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरणों के सभी लंबित बकाया का भुगतान नहीं किया है। ये राशियां भी बहुत बड़ी नहीं है।
किसानों का मुद्दा भी एक वजह
क्रेडाई ने दावा किया कि इनमें से अधिकतर पूर्ण फ्लैट अब लंबित बकाया के कारण लटक रहे हैं। किसानों को मुआवजा भी कई बड़े प्रोजेक्ट के लंबित होने की बड़ी वजह है, जिनसे भूमि अधिग्रहित की गई थी। ऐसे मामलों में किसानों और अधिकारियों की बातचीत अभी भी जारी है।
बकाया और जरूरी प्रमाण-पत्र नहीं लिए
रिपोर्ट के मुताबिक लगभग 25 हजार फ्लैट हैं, जिनके खरीदारों को पूर्णता प्रमाणपत्र (कंपलीशन सर्टीफिकेट) मिलने तक इंतजार करना होगा। अधिकारियों का दावा है कि जहां कुछ फ्लैटों को लंबित बकाया के कारण विलंबित किया गया है। अधिकांश ऐसे हैं जिन्हें फायर डिपार्टमेंट और जरूरी सुरक्षा उपाय नहीं होने के कारण मंजूरी नहीं दी गई है। यह कोई बहुत मुश्किल काम नहीं है।