छोटू फाउंडेशन की अनूठी पहल : दिवाली पर जगमगाएंगी झुग्गियां, लाखों परिवारों के जीवन से मिटेगा अंधेरा

नोएडा | 2 घंटा पहले | Ashutosh Rai

Tricity Today | दिवाली पर बांटे गए सोलर लाइट्स



Noida News : जहां एक ओर पूरा देश दिवाली के प्रकाश पर्व को मना रहा है। वहीं, लाखों परिवार ऐसे भी हैं जो आज भी अंधेरे में जीने को मजबूर हैं। इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए छोटू फाउंडेशन ने एक अनूठी पहल की है। जिसके तहत नोएडा और गाजियाबाद की झुग्गी बस्तियों में सोलर लाइट वितरित की गईं।

झुग्गी-बस्तियों में नहीं है बिजली की सुविधा
फाउंडेशन के संस्थापक एवं अध्यक्ष रिक्की जौनसन ने बताया, "भारत में लगभग 6.5 करोड़ लोग झुग्गी-बस्तियों में रहते हैं। इनमें से अधिकांश परिवारों के पास बिजली जैसी बुनियादी सुविधा भी नहीं है। हमने सोचा कि इस दिवाली पर दीये की जगह सोलर लाइट देकर इन परिवारों के जीवन में स्थायी रोशनी की जा सकती है।"कक्षा चार के छात्र निखिल के माता-पिता का कहना है, "निखिल पढ़ाई में होशियार है, लेकिन अंधेरे में पढ़ना मुश्किल होता था। अब सोलर लाइट से उसकी पढ़ाई में मदद मिलेगी।"

बच्चों को मिलेगा बेहतर भविष्य
फाउंडेशन ने नोएडा के सेक्टर-42, सेक्टर-32, कुलेशरा-ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद के वसुंधरा क्षेत्र की झुग्गी बस्तियों में सैकड़ों सोलर लाइट वितरित कीं। इस दौरान कई हृदयविदारक कहानियां सामने आईं। एक ऐसी ही कहानी है अनीता देवी की, जिनके दो बच्चे अंधेरे में पढ़ने को मजबूर थे। "हमारे पास तेल का दीया जलाने के भी पैसे नहीं होते। बच्चे खाना भी अंधेरे में खाते हैं," अनीता देवी ने बताया। फाउंडेशन की प्रतिनिधि यामिनी ने कहा, "जब तक समाज के हर वर्ग को रोशनी का हक नहीं मिलेगा, तब तक दिवाली का असली मतलब अधूरा है। यह पहल न केवल झुग्गीवासियों के अंधेरे को मिटाएगी, बल्कि बच्चों को बेहतर भविष्य का अवसर भी देगी।"

दूसरों की जीवन में बांट रहे रोशनी
छोटू फाउंडेशन ने इस पहल को आगे भी जारी रखने का संकल्प लिया है। उनका मानना है कि दिवाली का सच्चा आनंद तभी है जब हम दूसरों के जीवन में भी रोशनी ला सकें। यह पहल न केवल रोशनी बांट रही है, बल्कि समाज को यह संदेश भी दे रही है कि दीपावली का वास्तविक अर्थ सिर्फ अपने घर को रोशन करना नहीं, बल्कि दूसरों के जीवन में भी उजाला भरना है।

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