Exclusive Report : जन विश्वास यात्रा के बाद गौतमबुद्ध नगर में बढ़ा कोरोना का आंकड़ा, राजनीतिक पार्टियों को मतदाताओं नहीं मतदान की है चिंता

नोएडा | 2 साल पहले | Mayank Tawer

Tricity Today | नोएडा में जन विश्वास यात्रा



Noida News : उत्तर प्रदेश में एक बार फिर कोरोना संक्रमण भयंकर रूप लेता जा रहा है। आपको बता दें कि जब कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर चल रही थी तो विशेषज्ञों ने कहा था कि यह गर्मी में काफी तेजी के साथ बढ़ता है और सर्दी में कम हो जाता है, लेकिन इस समय की हालत किसी से छुप नहीं पा रही है। आज नोएडा और ग्रेटर नोएडा में कोविड-19 के 600 मरीज मिले हैं। हालत तो सामान्य थी, लेकिन उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव आते ही सभी पार्टी मैदान में खड़ी हो गई है। आलम यह हो गया है कि हर एक राजनीतिक पार्टी में होड़ लगी हुई है कि कौन कितनी ज्यादा रेली निकालेगा।

उत्तर प्रदेश शासन की कोरोना रिपोर्ट के मुताबिक
चुनाव के चक्कर में राजनीतिक दल तो आम जनता को भूल ही गए हैं। कुछ दिनों पहले ही गाजियाबाद और नोएडा में भारतीय जनता पार्टी की जन विश्वास यात्रा निकली थी। अगर आप बढ़ते हुए कोरोना आंकड़े को देखें तो नोएडा में जन विश्वास यात्रा के बाद ही कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने शुरू हो गए हैं। यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि उत्तर प्रदेश शासन द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक देखा जा रहा है।

एक दिन में 600 मरीज मिले
जब से नोएडा और ग्रेटर नोएडा में भारतीय जनता पार्टी की जन विश्वास यात्रा निकली है, तब से कोरोना संक्रमण भयंकर रूप लेता जा रहा है। हालत सभी शहर वासियों के सामने हैं। जिस जिले की सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक एक दिन में 600 नए कोरोना के मामले आए। वहां की हालत कितनी ज्यादा बिगड़ गई है, आप खुद अंदाजा लगा सकते हो।

24 में से 8 घंटे कर्फ्यू लागू
एक तरफ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रात में नाइट कर्फ्यू करते है, लेकिन दूसरी ओर दिन में हजारों लाखों की संख्या के साथ रैली निकाली जाती हैं। अब सवाल खड़ा होता है कि क्या भारतीय जनता पार्टी सोचती है कि करोना केवल रात में ही बढ़ता है। सुबह के 6:00 बजे नाइट कर्फ्यू खत्म होता है। सुबह के 10:00 बजे से राजनीतिक कार्यक्रम चलने शुरू हो जाते हैं।

पार्टियों को जनता नहीं वोट की चिंता
कहीं पर भारतीय जनता पार्टी की यात्रा निकल रही है तो कहीं पर प्रियंका गांधी मैराथन करवा रही है तो कहीं पर अखिलेश यादव अपना रथ लेकर निकलते हैं। इनमें से कोई भी ऐसा स्थान नहीं है, जहां पर एक साथ हजारों लाखों लोग एकत्रित ना होते हो। ऐसे में राजनीतिक पार्टी को आम जनता की बिल्कुल फिक्र नहीं दिखाई देती है। जिस तरीके से कोरोना संक्रमण बढ़ता जा रहा है और उसके बावजूद भी राजनीतिक पार्टी लगातार कार्यक्रम का आयोजन कर रही है। उसी हिसाब से लगता है कि यह राजनीतिक पार्टियां अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को कुछ देकर जाए या ना फिर ना जाए, लेकिन कोविड-19 संक्रमण देकर जो भी चले जाएंगे। अभी कुछ दिनों पहले ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लखनऊ में एक रैली में शामिल हुए थे, उसके 2 दिन बाद ही वह कोरोना संक्रमित पाए गए। 

मेरठ में एक व्यक्ति की जान गई
उत्तर प्रदेश की जनता का सवाल है कि क्या कोरोना रात में ही अपने घर से निकलता है। अगर नहीं तो रात में ही कर्फ्यू भी क्यों लागू होता है और दिन में कार्यक्रम का आयोजन क्यों होता है। अभी 2 दिनों पहले ही भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेरठ आए थे। अब आप हालत देख ही सकते हो कि उत्तर प्रदेश में मेरठ जनपद कोरोना वायरस के मामले में चौथे नंबर पर पहुंच गया है। गुरुवार को कोविड-19 से मेरठ में एकलौती मौत हुई है। इससे साफ पता चलता है कि चाहे पार्टी कोई सी भी हो लेकिन किसी को आम जनता की कितनी फिक्र है। यह राजनीतिक पार्टियों की रैली और कार्यक्रम ही बता रहे हैं।

जनपद में ऐसे बढ़े कोरोना संक्रमण के मामले
  • 18 दिसंबर को 3 मरीज
  • 19 दिसंबर को 1 मरीज
  • 20 दिसंबर को 5 मरीज
  • 21 दिसंबर को 3 मरीज
  • 22 दिसंबर को 3 मरीज
  • 23 दिसंबर को 11 मरीज
  • 24 दिसंबर को 12 मरीज
  • 25 दिसंबर को 13 मरीज
  • 26 दिसंबर को 5 मरीज
  • 27 दिसंबर को 5 मरीज
  • 28 दिसंबर को 28 मरीज
  • 29 दिसंबर को 21 मरीज
  • 30 दिसंबर को 38 मरीज
  • 31 दिसंबर को 61 मरीज
  • 1 जनवरी को 61 मरीज 
  • 2 जनवरी को 117 मरीज
  • 3 जनवरी को 101 मरीज
  • 4 जनवरी को 165 मरीज
  • 5 जनवरी को 511 मरीज
  • 6 जनवरी को 600 मरीज

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