गोल्डन पाम सोसाइटी में घरेलू सहायिका की मौत बनी रहस्य : निवासियों ने पुलिस पर दागे 4 सवाल, सामने आए चौंकाने वाले तथ्य

नोएडा | 2 दिन पहले | Jyoti Karki

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Noida News : शहर के एक्सप्रेसवे थाना क्षेत्र में स्थित द गोल्डन पाम सोसाइटी (The Golden Palm Society) में एक घरेलू सहायिका की कथित आत्महत्या के मामले में नया मोड़ आ गया है। जहां पुलिस इसे सामान्य आत्महत्या का मामला बता रही है। वहीं, सोसाइटी के निवासियों ने कई सवाल खड़े करके मामले को संदिग्ध बताया है।

सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
सोसाइटी के एक निवासी यासीन  जो 2019 से फ्लैट नंबर 1904 में रहते हैं। उन्होंने कहा कि घटना के बाद पूरी सोसाइटी में हड़कंप मच गया। उन्होंने पुलिस की कार्य प्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। सोसाइटी की सुरक्षा व्यवस्था के तहत छत पर जाने के लिए सिक्योरिटी मैनेजमेंट से परमिशन लेटर लेना अनिवार्य है। निवासियों का कहना है कि माय गेट एप्लीकेशन में मृतका की न तो एंट्री दिखाई दे रही है और न ही एग्जिट है। यह एप्लीकेशन सभी घरेलू सहायकों और ड्राइवरों की आवाजाही का रिकॉर्ड रखती है।

चार सवाल जिनका जवाब नहीं 
  1. घरेलू सहायिका जरूरी अनुमति के बिना टावर की छत तक कैसे पहुंच गई 
  2. सहायिका को चोरी-छिपे गलत ढंग से छत की चाबी किसने उपलब्ध कराई 
  3. छत पर उसकी मौजूदगी का पता कैसे चला  उसे सबसे पहले किसने देखा
  4. घरेलू सहायिका के सोसाइटी में प्रवेश करने का कोई रिकॉर्ड क्यों नहीं है

गंभीर आरोप, पुलिस से संतुष्ट नहीं निवासी
सोसाइटी में चर्चा है कि मृतका गर्भवती थी  जिसके कारण यह घटना हुई। घटना के बाद पुलिस ने किसी को भी छत पर जाने की अनुमति नहीं दी और फोरेंसिक जांच में जुटी रही। पोस्टमार्टम रिपोर्ट का अभी तक कोई पता नहीं चला है। 400 फ्लैट वाली इस सोसाइटी के निवासियों का आरोप है कि पुलिस कुछ छिपा रही है। यासीन के अनुसार यह सिर्फ एक मौत का मामला नहीं बल्कि सोसाइटी की सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मुद्दा है। 

पुलिस का बयान
पुलिस का कहना है कि घरेलू सहायिका का अपने परिजनों से विवाद हुआ था  जिसके कारण उसने यह कदम उठाया है। हालांकि  निवासियों के सवालों का कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया है।

घटना से सोसाइटी के लोगों में डर
निवासियों की मांग है कि मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को सजा मिले। सोसाइटी के लोग डरे हुए हैं और उनका कहना है कि जिम्मेदार व्यक्ति अभी खुले घूम रहे हैं। यह मामला न केवल एक संदिग्ध मौत का है  बल्कि हाईराइज सोसाइटीज की सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है। इस मामले को पुलिस हलके में क्यों ले रही है। लड़की की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सार्वजानिक की जाए।

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