BIG BREAKING : नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यूपीसीडा और गीडा में तबादलों के बावजूद कुंडली मारकर बैठे अफसर नपेंगे, सरकार नाराज

नोएडा | 2 साल पहले | Pankaj Parashar

Tricity Today | यूपी के महत्वपूर्ण औद्योगिक विकास प्राधिकरण



Lucknow/Noida : राज्य के महत्वपूर्ण औद्योगिक विकास प्राधिकरणों से तबादलों के बावजूद कुंडली मारकर बैठे अफसरों से सरकार नाराज है। गुरुवार को औद्योगिक विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार ने एक शासनादेश जारी किया है। अपर मुख्य सचिव ने लिखा है, "नोएडा, ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण कानपुर और गोरखपुर विकास प्राधिकरण से तबादलों के बावजूद अफसर कार्यभार छोड़ने का नाम नहीं ले रहे हैं। विभिन्न माध्यमों से यह जानकारी मिल रही है। इन सभी स्थानांतरित अधिकारियों और कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त किया जा रहा है। अब अगर इन लोगों ने निर्धारित जगहों पर जाकर कार्यभार ग्रहण नहीं किया तो इनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।"

तीन दिनों में नई जगह पर जॉइनिंग करके जानकारी देंगे
अपर मुख्य सचिव ने कहा है, "अगले 3 दिनों में अधिकारी और कर्मचारी स्थानांतरित किए गए स्थानों पर जाकर कार्यभार ग्रहण करेंगे। इसकी जानकारी राज्य सरकार को उपलब्ध करवाएंगे। अगर इस बार आदेश का उल्लंघन किया गया तो निलंबन की कार्यवाही की जाएगी। ऐसे अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन में विभागीय कार्यवाही भी की जाएगी।" आपको बता दें कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी यूपीसीडा और दूसरे औद्योगिक विकास प्राधिकरणों से राज्य सरकार ने करीब 2 महीने पहले 150 से ज्यादा अफसरों व कर्मचारियों के तबादले किए थे। इनमें से कई अफसर अभी भी नई तैनाती वाली जगहों पर नहीं गए हैं। इतना ही नहीं कई अफसर तो ऐसे हैं, जिनके स्थानांतरण कई साल पहले कर दिए गए थे।

प्रतिनियुक्ति पर आए इंजीनियरों की मनमानी सबसे ऊपर
आपको बता दें कि बड़ी संख्या में कर्मचारी प्रतिनियुक्ति पर इन प्राधिकरण में तैनात हैं। इनकी प्रतिनियुक्ति का कार्यकाल समाप्त हुए कई-कई वर्ष बीत चुके हैं। ऐसे अधिकारी और कर्मचारी अपने मूल विभागों में जाने का नाम नहीं ले रहे हैं। बुधवार को अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार ने नोएडा में तैनात ऐसे तीन इंजीनियरों को कार्यमुक्त किया है। तीनों इंजीनियरों को आदेश दिया गया है कि वह सिंचाई विभाग, पंचायतीराज विभाग और उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम में वापस जाकर कार्यभार ग्रहण करें। इनमें से एक इंजीनियर तो गैरकानूनी ढंग से पिछले 6 वर्षों से नोएडा अथॉरिटी में कार्यरत है। जबकि, उसकी प्रतिनियुक्ति का कार्यकाल वर्ष 2016 में समाप्त हो चुका है।

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