Noida : गौतमबुद्ध नगर के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ.महेश शर्मा (Dr.Mahesh Sharma) ने रविवार को 'सांसद कोविड-19 हेल्पलाइन' की शुरुआत की है। इसमें कैलाश अस्पताल (Kailash Hospital) का एक लैंडलाइन नंबर दिया गया है। बाकायदा डॉक्टर महेश शर्मा ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर रविवार की दोपहर 1:48 बजे ट्वीट करके यह जानकारी दी है। ट्वीट में लिखा गया है, "कोरोना से संबंधित किसी भी समस्या के लिए गौतमबुद्ध नगर क्षेत्रवासियों की सेवा में समर्पित "सांसद कोविड हेल्पलाइन"। इस नंबर पर कॉल करें, हम आपकी हर संभव मदद का प्रयास करेंगे। हेल्पलाइन नंबर 0120-2444442।" अब ट्वीटर, फेसबुक और व्हाट्सएप ग्रुप्स पर लोग सांसद की तीखी आलोचना कर रहे हैं।
ट्वीटर पोस्ट पर तमाम यूजर ने तीखे कमेंट किए हैं। ग्रेटर नोएडा वेस्ट में फ्लैट खरीदारों की संस्था नेफ़ोवा के उपाध्यक्ष मनीष ने कमेंट करके पूछा है, "श्रीमान, 2019 के लोकसभा चुनाव में ग्रेनो वेस्ट में अत्याधुनिक सरकारी अस्पताल बनाने का वादा किया था। क्या वह चुनावी जुमला मात्र था? कब बनेगा GNW में अस्पताल?" महिलाओं ने तीखी आलोचना की है। निशा राय ने कमेंट किया है, "जब समस्या थी तब यह हेल्पलाइन गायब थी, दुखद।"
संदीप ओहरी ने लिखा है, "दो महीने बाद सांसद जाग गए। कई लुट गए। कई ऊपर पहुंच गए। इनके निकम्मेपन की वजह से।" नीरज नाम के यूजर ने लिखा यही है, "आपके सांसद की सच्चाई मदद का दिखावा मात्र है। ढकोसला केवल।" सुबोध ने लिखा, "अभी 1-2 मंथ रुक जाते सर। इतनी जल्दी कैसे जाग गए। दिनकर पांडे ने लिखा, "श्रीमान मैं शालीनता के साथ कहना चाहूंगा, बहुत देर हो गई और यह बहुत कम है।"
राज नाम के एक टि्वटर यूजर ने लिखा, "इस आपदा के समय में भी हर बैनर पर अपने हंसते हुए चेहरे लगाना बंद कर दीजिए। ऐसा लगता है जैसे जनता को चिढ़ा रहे हो।" मोहम्मद शोएब ने लिखा, "ऐसे जुमले तो होते ही हैं। पब्लिक को समझने की जरूरत है। यह नेता वोट मांगने आते हैं तो इनकी संपत्ति जनता के नाम करवा लेनी चाहिए। ताकि अगर यह काम ना करवाएं तो इनकी संपत्ति बेचकर काम करवाए जाएं। कुछ भी तो नहीं है इस ग्रेटर नोएडा वेस्ट में इतना टैक्स और स्टांप ड्यूटी देने के बाद।"
रंजना सूरी भारद्वाज ने लिखा, "चुनाव के वक्त केवल यह बड़े लोग हाउसिंग सोसाइटी और दूसरे इलाकों में झूठे वादे करने के लिए जाते हैं। शायद अब 2022 के लिए इंतजार कर रहे हैं। इन्होंने ना अस्पताल बनाया। सोसायटी के बाहर खुले नाले तक नहीं ढके गए। यह केवल वीवीआइपी सुविधाओं का उपभोग कर रहे हैं।" अनूप ने लिखा, "उम्मीद तोड़ने का काम बखूबी किया है अभी तक। आपदा शुरू होते ही इस क्षेत्र में कोई नहीं दिखाई दिया। कितनी जानें चली गईं लेकिन चुप्पी बरकरार। शायद आज हॉस्पिटल होता तो हम कुछ लोगों को बचा सकते थे।" अंकिता शर्मा ने लिखा है, "यह नंबर मिलता ही नहीं है। मिलता है तो कोई उठाता नहीं है।"
एक अन्य महिला स्वाति ने कमेंट किया है, "जब लोग मर रहे थे, ऑक्सीजन के लिए तड़प रहे थे तो आप कहां थे? अब यह हेल्पलाइन शुरू करने का क्या फायदा? इसे जारी करके केवल आप ढोंग कर रहे हैं।" कुछ लोगों ने ऐसे कमेंट भी किए हैं, जिन्हें हम यहां प्रकाशित नहीं कर सकते हैं। कुल मिलाकर सांसद की लेटलतीफी पर लोग खुलकर विरोध जाहिर कर रहे हैं। ठीक ऐसा ही हाल शहर के तमाम व्हाट्सएप ग्रुप पर भी है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट, नोएडा और ग्रेटर नोएडा के कई व्हाट्सएप ग्रुप पर हेल्पलाइन जारी करने वाला क्रिएटिव शेयर किया गया है। जिस पर लोगों ने नाखुशी जाहिर की है।
फेसबुक यूजर पवन शुक्ला ने लिखा, "सर, अगर कैलाश अस्पताल में पहले ही ये सुविधा दे देते तो गौतमबुद्ध नगर आपके सानिध्य में और अच्छे से कोरोना से लड़ लेता तथा आपकी महानता का एक और परचम लहरा जाता। अब तो लगता है कि सरकारी फंड्स खर्च करने का प्रमाण दिया जा रहा है।" उन्होंने आगे लिखा, "जब अपनों को खो कर दवा मिली, इतनी बेफिक्री भी अच्छी नहीं, जो चला हुजूम साथ ले कर, वो ही कह रहा है लूट लिए गए हम।"