नोएडा : हाईराइज सोसाइटी में रहने वालों के लिए अच्छी खबर, फायर डिपार्टमेंट को 72 मीटर ऊंची हाइड्रोलिक सीढ़ी मिली

नोएडा | 2 साल पहले |

Tricity Today | हाईराइज सोसाइटी में रहने वालों के लिए अच्छी खबर



Noida News : तेज गर्मी के साथ तापमान में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। दूसरी तरफ़ फायर सीजन आ चुका है। अग्निशमन विभाग का कहना है कि इस साल अब तक 225 आगजनी की घटनाएं हो चुकी हैं। ऐसे में नोएडा, ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट की हाईराइज हाऊसिंग सोसायटीज में रहने वालों की चिंताएं बढ़ जाती हैं। दरअसल, अभी तक जिले में फायर डिपार्टमेंट के पास सिर्फ 42 मीटर ऊंची अप्रोच हाइड्रोलिक सीढ़ी थी। शहर में आवासीय इमारतों की ऊंचाई 80 मीटर तक है। अब 72 मीटर तक अप्रोच करने वाली हाड्रोलिक मशीन मिल गई है। यह जल्दी नोएडा आ जाएगी। यह हाईराइज बिल्डिंगों में आग बुझाने में बड़ी कारगर साबित होगी।

दूसरी तरफ सोसायटी वासियों ने बताया कि फायर सिस्टम के रूल एंड रेगुलेशन होते हैं। उनकी मॉनिटरिंग स्थानीय अग्निशमन विभाग करता है।  फायर डिपार्टमेंट जब मॉनिटरिंग करता है तो उसके मुताबिक सारे बिल्डर रूल्स और रेगुलेशन फॉलो करते हैं। एक बड़ा सवाल यह उठता है कि जब आप 30 मंजिल, 40 मंजिल या 25 मंजिला बिल्डिंग बनाने मंजूरी दे रहे हैं और उसमें  लोग रहने आ रहे हैं तो आपके पास उस हाइट लिए फायर टेंडर हाइड्रोलिक होना चाहिए। नोएडा में 40 -40 मंजिला इमारत बनी हुई हैं और बन रही हैं लेकिन अब तक केवल 42 मीटर ऊंचाई वाले हाइड्रोलिक सिस्टम उपलब्ध हैं। अगर 40 मंजिला इमारत में आग लग जाए तो कैसे टैकल करेंगे। 

लोग आगे कहते हैं, जब आग लगती है तो बिल्डर के इनबिल्ड सिस्टम की तरफ लोगों का ध्यान बहुत कम जाता है। क्योंकि आदमी अपनी जान बचाकर उस समय भागने की सोचता है। फायर टेंडर और हाइड्रोलिक प्लेटफार्म होने चाहिए। वह कम से कम इतनी ऊंचाई तक पहुंचकर आग पर काबू पा सकें। लोगों के जानमाल की रक्षा हो सके। यह बहुत जरूरी है। हमने कई जगह देखा है, चाहे महाराष्ट्र हो या दिल्ली, वहां फायर टेंडर को पहुंचने में देर हुई या फिर उनकी हाइट कम थी। जहां आग लगी हुई थी, वहां पानी का प्रेशर इतना नहीं था कि आग को बुझाया जा सकता। हमारे यहां गर्मी का टेम्परेचर बढ़ रहा है। उसी तरह आग लगने की संभावनाएं बढ़ रही हैं। इस स्थिति में आप किसी अनहोनी की बात को नकार नहीं सकते हैं।

गौतमबुद्ध नगर के सीएफओ अरुण कुमार सिंह ने बताया कि 14 अप्रैल से 20 अप्रैल तक फायर सेफ्टी सप्ताह दिवस की शुरुआत की गई है, जो हर साल आयोजित किया जाता है। गौतमबुद्ध नगर के जॉइंट सीपी लव कुमार ने हरी झंडी दिखाकर फायर टेंडर गाड़ियों को जागरूकता अभियान के लिए शहर में रवाना किया है। दमकलकर्मी पंपलेट बांटकर, माइक और वाहनों को शहर में घुमाकर लोगों में जागरूक कर रहे हैं। जिले में अब तक छोटी से बड़ी करीब 225 जगह आग की घटना हो चुकी हैं। जबकि, पिछले साल करीब 1,350 जगह आगजनी की घटनाएं हुई थीं। इस साल पहले की तुलना में तापमान में वृद्धि हुई है। जिसके कारण आग की घटनाओं में बढ़ोतरी की संभावना है।

सीएफओ ने कहा, "पुलिस आयुक्त हाईराइज सोसाइटी और इंडस्ट्री एरिया में आग की घटनाओं को लेकर काफी संवेदनशील हैं। उनके मार्गदर्शन में समय-समय पर काम होता है। हम सोसायटी में एक अभियान चला रहे हैं।  वहां लगे उपकरणों को और सेफ्टी सिस्टम को चेक करा रहे हैं। जो उपकरण कार्यशील नहीं हैं, उसको ठीक कराया जा रहा है।" सीएफओ ने बताया कि बहुत से लोगों के पास फायर उपकरण हैं। खासकर पंप हैं, वह ऑटो मोड में नहीं रखते हैं। जिसके कारण आग लगती है। उस समय पंप को स्टार्ट करने में वक्त बर्बाद होता है। हमारा प्रयास लोगों को जागरूक करना है। अपने पंप को ऑटो मोड में रखें।

सीएफओ उस बताया कि फायर सर्विस के पास अभी तक 42 मीटर हाईट तक एप्रोच करने के लिए हाइड्रोलिक प्लेटफार्म है। पुलिस कमिश्नर ने 72 मीटर तक अप्रोच करने वाले हाइड्रोलिक प्लेटफार्म की संस्तुति सरकार से प्राप्त कर ली है। जल्द ही खरीदकर जनपद में लाया जाएगा। गाड़ियों में आग लगने की बात को लेकर सीएफओ ने कहा कि वाहन मालिक अपनी गाड़ी की समय-समय पर सर्विस कराते रहें। कभी भी अनऑथराइज्ड वर्कशॉप से और मैकेनिक से कुछ अतिरिक्त चीजें ना लगवाएं। उसके कारण शॉर्टकट होकर आग की घटना बढ़ जाती है।

अन्य खबरें