गौतमबुद्ध नगर के जेवर विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी के विधायक धीरेंद्र सिंह ने ट्राइसिटी टुडे की अहम खबर पर संज्ञान लेते हुए लोकतंत्र सेनानी नेमचंद शर्मा ‘अटल’ को पेंशन बहाल करवाने का आश्वासन दिया है। इसके बाद से यह तय हो गया है कि डीएम कार्यालय में तैनात कुछ हठधर्मी बाबुओं और अधिकारियों पर कार्रवाई की गाज गिरने वाली है। ट्राइसिटी टुडे ने लोकतंत्र सेनानी के साथ हो रही नाइंसाफी की खबर शुक्रवार को प्रमुखता से प्रकाशित किया था।
दरअसल जिलाधिकारी कार्यालय में तैनात एक अधिकारी की मनमानी की वजह से 72 वर्ष के नेमचंद शर्मा को पिछले 16 महीने से लोकतंत्र सेनानी सम्मान राशि नहीं मिली है। विधायक धीरेंद्र सिंह ने कहा है कि वह इस मामले को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष भी उठाएंगे और दोषी अधिकारी व कर्मचारियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहाकि लोकतंत्र सेनानी पेंशन आपका हक है, और यह आपको जरूर मिलेगा।
इस बारे में ट्वीट करते हुए विधायक ने लिखा है, “आदरणीय श्री नेमचंद शर्मा जी आप बेहद सम्मानित और हमारे बुजुर्ग हैं। आपकी व्यथा से मुझे बहुत दुःख हुआ। दोषी अधिकारी व कर्मचारियों को बख्शा नहीं जाएगा। माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के समक्ष आपका प्रकरण शीघ्र रखूंगा। बताते चलें कि प्रशासन की मनमर्जी से क्षुब्ध बुजुर्ग नेमचंद शर्मा ने आगामी 2 मार्च को जिलाधिकारी कार्यालय पर सत्याग्रह करने का इरादा बनाया है।
यह है पूरा मामला
पीड़ित नेमचंद शर्मा ने बताया कि अक्टूबर, 2019 में कानूनी अड़चनों का हवाला देकर उनकी लोकतंत्र सेनानी पेंशन सम्मान राशि का भुगतान रोक दिया गया। इस संबंध में उन्होंने जिलाधिकारी कार्यालय में तैनात संबंधित अधिकारी को शिकायत दी। अफसर ने उनसे पेंशन बहाली के नाम पर रिश्वत की मांग की। उन्होंने रिश्वत देने से इनकार कर दिया। इससे नाराज अधिकारी ने अपने पद का फायदा उठाते हुए उनकी पेंशन रोक दी। अफसर ने उच्चाधिकारियों को भी गुमराह किया।
दो डीएम और सांसद चाहकर भी कुछ मदद नहीं कर पाए
यहां तक कि बाबू ने उन्हें चुनौती देते हुए कहा है कि जब तक वह डीएम कार्यालय में तैनात है, कोई भी उनकी पेंशन बहाल नहीं करा सकता है। पिछले डेढ़ साल की भागदौड़ से थक हारकर पीड़ित नेमचंद शर्मा ‘अटल’ ने 2 मार्च को डीएम दफ्तर पर सत्याग्रह करने की ठानी है। पेंशन बहाली को लेकर वह गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई, पूर्व जिलाधिकारी बीएन सिंह, सांसद डॉ.महेश शर्मा समेत सभी जनप्रतिनिधियों और बड़े अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं। लेकिन सिवाय कागजी कार्रवाई और आश्वासन के उन्हें कुछ हासिल नहीं हुआ है।
सांसद की चिट्ठी को भी कलेक्ट्रेट के बाबू ने तरजीह न दी
इसकी शिकायत लेकर लोकतंत्र सेनानी गौतमबुद्ध नगर के सांसद डॉ. महेश शर्मा से मिले। सांसद ने समस्या का समाधान कराने का आश्वासन दिया और जिलाधिकारी के नाम एक पत्र दिया। इसको एक साल से ज्यादा बीत गया है। मगर उस पत्र पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। उन्होंने बताया कि नवंबर 2019 से अब तक वह लगातार डीएम ऑफिस का चक्कर काट रहे हैं। मगर उन्हें इंसाफ नहीं मिल रहा है। उनके पास सत्याग्रह के सिवा कोई विकल्प नहीं है।