बदलता नोएडा : हाईराज बिल्डिंग से प्रदूषण पर वार करेगी हाइब्रिड स्मॉग गन, बेहतर होगी हवा 

नोएडा | 3 घंटा पहले | Lokesh Chauhan

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Noida News : सर्दी बढ़ने के साथ ही नोएडा में बढ़ने वाले स्मॉग और प्रदूषण पर वार करने के लिए नोएडा प्राधिकरण तैयार हो गया है। लोगों को धुएं और धूल से बनने वाले स्मॉग से बचाने को नोएडा अथॉरिटी वायु प्रदूषण की रोकथाम पर 30.98 करोड़ रुपये खर्च रही है। इसके लिए पहली बार जमीन के साथ ही हाईराइज इमारतों से प्रदूषण पर वार किया जाएगा।

पहली बार होगा हाईब्रिड स्मॉग गन का प्रयोग 
नोएडा में पहली बार हाइब्रिड स्मॉग गन का प्रयोग किया जाएगा। ये स्मॉग को कम करने में मदद करेगी। इन स्मॉग गन को हाईराइज इमारतों पर लगाया जाएगा, जिससे ऊंचाई तक हवा में फैले स्मॉग को नियंत्रित किया जा सकेगा। दरअसल इस गन से पीएम 2.5 को खत्म किया जाएगा। पीएम 2.5 यानी हवा में मौजूद उन छोटे कणों या बूंदों को कहते हैं जिनका व्यास 2.5 माइक्रोमीटर या उससे कम होता है। ये ही स्वास्थ्य पर सबसे ज्यादा नकारात्मक प्रभाव डालते है।

12 हाइब्रिड स्मॉग गन खरीदेगी अथॉरिटी 
नोएडा अथॉरिटी के सीईओ डा.लोकेश एम ने बताया कि 12 हाइब्रिड स्मॉग गन को खरीदा जा रहा है। इसका ट्रायल किया जा चुका है। इसको खरीदने में 5.27 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। इन सबसे ज्यादा प्रदूषण वाले स्थानों पर लगाया जाएगा। इसके अलावा नोएडा की हाइराइज इमारतों के टेरिस पर एंटी स्मॉग गन भी लगाई जाएंगी। जिनका काम शुरू कर दिया गया है। ग्रेप लागू होने के साथ ही ये स्मॉग गन भी प्रदूषण को कम करने के लिए काम करना शुरू कर देंगी।

15 नई एंटी स्मॉग गन भी लगेंगी 
सीईओ ने बताया कि नोएडा में 15 नई एंटी स्मॉग गन लगाई जा रही हैं। जिनको खरीदने के लिए 3.88 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। इसमें से 5 एंटी स्मॉग गन को खरीदा जा चुका है, जबकि 10 नई एंटी स्मॉग गन को खरीदा जा रहा है। 7.39 करोड़ में सड़क और पौधों पर पानी का छिड़काव करने के लिए 25 स्प्रिंकल वाटर टैंकर खरीदे जा रहे हैं। इसमें 5 आ चुके हैं, इनका प्रयोग किया जा रहा है। बाकी इसी महीने खरीदे जाएंगे। सड़कों की साफ-सफाई के लिए 6 मेकेनिकल स्वीपिंग मशीनों में से 4 खरीदी जा चुकी हैं। 2 खरीदने की प्रक्रिया चल रही है। इसके अलवा 10.21 करोड़ रुपये से सड़कों की रिसर्फेसिंग की जाएगी। वहीं डस्ट फ्री जोन के लिए सड़कों के किनारे घास लगाई गई थी। जिनका मेनटेनेंस बड़ी चुनौती है। इनके स्थान पर ग्रास ग्रिड की जाएगी।

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