नोएडा से बड़ी खबर : यमुना नदी के अवैध फार्म हाउसों को नहीं मिलेगी राहत, सीईओ ने खारिज की सारी आपत्तियां

नोएडा | 2 साल पहले | Mayank Tawer

Tricity Today | सीईओ ऋतु महेश्वरी



Noida News : नोएडा में यमुना नदी के खादर क्षेत्र में बनाए गए फार्म हाउसों को नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) से कोई राहत नहीं मिली है। दरअसल, 14 जून को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फार्म हाउस मालिकों को मामूली राहत दी थी। जिसमें नोएडा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी को इनके प्रत्यावेदनों को उचित ढंग से निस्तारित करने का आदेश दिया था। मिली जानकारी के मुताबिक सीईओ ने आपत्तियों और प्रत्यावेदनों का निस्तारण कर दिया है। फार्म हाउसों को अवैध मानते हुए सारे प्रत्यावेदन खारिज कर दिए गए हैं।

अथॉरिटी ने फार्म हाउस मालिकों की आपत्तियां खारिज कीं
नोएडा अथॉरिटी यमुना खादर के फार्म हाउस मालिकों को कोई रियायत देने के मूड में नहीं है। मिली जानकारी के मुताबिक फार्म हाउस मालिकों की ओर से दी गई आपत्तियां खारिज कर दी गई हैं। प्राधिकरण ने स्पीकिंग ऑर्डर तैयार किया है। यह आदेश जल्दी ही आपत्ति करने वाले सारे फार्म हाउस मालिकों को दिया जाएगा। इन लोगों ने प्राधिकरण की ओर से फार्म हाउसों के खिलाफ जारी ध्वस्तीकरण के आदेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए 14 जून को हाईकोर्ट ने आदेश दिया था। जिसमें फार्म हाउस संचालकों को 10 दिन का वक्त दिया गया। उन 10 दिनों में प्राधिकरण के सामने आपत्तियां दाखिल करनी थीं। इसके बाद अगले 10 दिनों में प्राधिकरण अफसरों को आपत्तियों का उचित रीति से निस्तारण करना था। यह समय सीमा और प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।

अथॉरिटी ने अप्रैल, मई और जून में चलाया ध्वस्तीकरण अभियान

नोएडा प्राधिकरण ने दो अप्रैल से यमुना नदी के डूब क्षेत्र में ध्वस्तीकरण अभियान शुरू किया था। यह मई और जून में भी जारी रहा। अथॉरिटी ने तीन क्लब और 124 फार्म हाउस ध्वस्त किए हैं। इस क्षेत्र में अथॉरिटी ने सर्वे करवाया। करीब 1000 फार्म हाउस सर्वे में चिह्नित करके अवैध घोषित किए गए हैं। इन सबको ध्वस्त किया जाएगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद भी नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी ने स्पष्ट कर दिया था कि फार्म हाउस अवैध हैं और यह कार्रवाई जारी रहेगी। 

अथॉरिटी का नया ऑर्डर कानूनी होगा

फार्म हाउस मालिकों की आपत्तियों का निस्तारण करने और खारिज करने के लिए प्राधिकरण में बाकायदा कानूनी आदेश तैयार किया है। इसके लिए विधि विभाग से भी सलाह ली गई है। अथॉरिटी की ओर से ध्वस्तीकरण के लिए जारी सार्वजनिक नोटिस, एनजीटी के नियमों का उल्लंघन, डिजास्टर मैनेजमेंट के नियमों का उल्लंघन, एनवायरमेंट प्रोटक्शन एक्ट के उल्लंघन और सिंचाई विभाग की गाइडलाइन के आधार पर आदेश तैयार हुआ है।

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