Noida News : भारतीय संस्कृति में पति-पत्नी के अटूट बंधन का प्रतीक करवा चौथ का पावन पर्व रविवार को पूरे देश में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। यह त्योहार विशेष रूप से उत्तर और पश्चिम भारत में सुहागिन महिलाओं द्वारा अपने पति की दीर्घायु के लिए रखा जाने वाला कठोर व्रत है।
इतिहास से जुड़ा यह व्रत
पौराणिक कथाओं के अनुसार इस व्रत की शुरुआत सती सावित्री से जुड़ी है। कहा जाता है कि सावित्री ने अपने पति सत्यवान को यमराज से वापस पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। उनकी अटूट श्रद्धा और समर्पण से प्रभावित होकर यमराज ने उनके पति को जीवनदान दिया। तभी से यह परंपरा चली आ रही है। इतिहास में एक और महत्वपूर्ण कारण भी इस व्रत से जुड़ा है। प्राचीन काल में उत्तर और पश्चिम भारत के पुरुष अक्सर सैन्य सेवा में होते थे। उनकी सुरक्षा और कल्याण के लिए महिलाएं यह व्रत रखने लगीं। साथ ही यह समय रबी की फसल की बुवाई का भी होता है। जिससे यह कृषि से भी जुड़ा हुआ है।
बाजारों में दिख रही रौनक
करवा चौथ के अवसर पर बाजार में जबरदस्त रौनक है। रेडीमेड गारमेंट्स से लेकर साड़ी शोरूम, चू़ड़ी बाजार से लेकर ब्यूटी पार्लर में महिलाओं की भीड़ है। इस बार करीब 22 हजार करोड़ रुपये का कारोबार होने की उम्मीद जताई जा रही है। कारोबारियों का कहना है कि पिछले साल के मुकाबले इस बार ज्यादा रौनक नजर आ रही है।
यह रहती है पूजा की सामग्री
लकड़ी का आसन, देसी घी, पान, सींक, कलश, रोली, मौली, मिठाई, छन्नी, लोटे में भरने के लिए चावल, दान की सामग्री, अक्षत, चंदन, फल, पीली मिट्टी, फूल