कोनरवा ने नोएडा में बनी हाईराइज सोसाइटी का उठाया मुद्दा : पीएस जैन ने कहा- बहुमंजिला इमारतों का भूकंप रोधी स्ट्रक्चरल ऑडिट करवाए सरकार

नोएडा | 1 साल पहले | Ankita Sharma

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Noida : देश के सबसे पुराने संघ कोनरवा कन्फेडरशन ऑफ़ एनसीआर रेसिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन ने बहुत ही गंभीर मुद्दा उठाया है। सभी देशवसियों की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय को पत्र लिखा है।

2023 को सीरिया में आया भुकम्प
पत्र में पीएस जैन ने कहा कि सम्पूर्ण भारत के सभी बड़े शहरों में बहुमंजिला इमारते बनी हुई है। जिनमें करोड़ों परिवार रहते हैं। यहां आनेवाला हर आदमी यही सोचकर फ्लैट खरीदता है कि बिल्डिर और सहकारी समितियां अच्छी क्वालिटी के कंस्ट्रक्शन से बना हुआ फ्लैट बेच रही है, लेकिन फ्लैट कितना अच्छा है और कितना नहीं, ये बिना भूकम्प रोधी स्ट्रक्चरल ऑडिट के पता नहीं चल सकता। जिस प्रकार 6 फरवरी 2023 को सीरिया में आए भुकम्प से भारी जान व माल की हानी हुई है। जिसमें हजारों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी, इस घटना के बाद से बहुमंजिला इमारातों को लेकर कई सवाल खड़े हो गए है।

ग्रिल और प्लास्टर में दरार 
कोनरवा संघ के संस्थापक पीएस जैन ने बताया कि ज्यादातर सोसाइटीज की गुणवत्ता का तो इसी बात से भी पता लगता है कि आऐ दिन पलास्टर, छत के बड़े हिस्से, बालकनी की ग्रिल गिरने की खबरे समाचार पत्रों में छपती रहती है, जिससे यहां रहने वाले परिवारों को हर दिन किसी न किसी बड़ी घटना की आशंका रहती है। ऐसी परिस्थति में सभी बहुमंजिला इमारतों का भूकंप रोधी स्ट्रक्चरल ऑडिट करके गुणवत्ता को आवश्य जानना चाहिए और जहां आवश्यकता हो वहां पर आवश्यक्तायुक्त कार्यवाही करनी चाहिए। जिससे किसी प्रकार की भूकम्प के समय अनहोनी न हो। 

जल्द से जल्द हो स्ट्रक्चरल ऑडिट 
भारत भूकंप की दृष्टि सें 5 जोन में बंटा हुआ है। एनसीआर जोन 4 में आता है। केन्द्र सरकार को इस सम्बंध में केन्द्रीय भवन नियमावली में आवश्यक संशोधन करते हुए यह स्ट्रक्चरल ऑडिट अनिवार्य किया जाना चाहिए। कोई भी पजेशन बिना स्ट्रक्चरल ऑडिट के नहीं दिया जाना चाहिए और समय समय पर  स्ट्रक्चरल ऑडिट वापिस होना चाहिए। स्ट्रक्चरल ऑडिट की रिर्पोट प्राधिकरण द्वारा अपनी अपनी वेबसाईट पर अपलोड़ की जानी चाहिए। जिससे फ्लेट खरिदार फ्लेट की गुणवता को जान सके।

'स्ट्रक्चरल ऑडिट का खर्च उठाये बिल्डर'
कोनरवा ने अपने पत्र में ये सुझाव दिया है कि एनसीआर ही नहीं, बल्कि सभी प्रदेश की सरकारों को और सभी प्राधिकरण को संरचनात्मक ऑडिट (स्ट्रक्चरल ऑडिट) करवाना चाहिए।  साथ ही ये भी सुनिश्चित करवाया जाए की खर्च बिल्डर या  डेवलपर या फिर सरकारी समिति करवाए जिसने उस सोसाईट का निर्माण किया गया है। जैन ने कहा कि जब बिल्डर या डवलर्पस और सहकारी समितियों को ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट जारी किया जाए। उस समय यह शर्त साफ साफ लिखित में दी  जाए कि उन्हें हर पांच वर्ष में बिल्डिंग का स्ट्रक्चरल ऑडिट करवाना है। ऑडिट बिल्डर, सहकारी समितियो और प्राधिकरण द्वारा निर्धरित एजेंसी से करवाया जाना चाहिए।

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