जांच पड़ताल : नोएडा कोविड अस्पताल से लाखों का सामान गायब होने पर कई पर आई मुसीबत, एसडीएम और एसीएमओ ने इन तीन अफसरों को तलब किया

नोएडा | 3 साल पहले | Mayank Tawer

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NOIDA : सेक्टर-125 कोविड अस्पताल से गायब लाखों रुपये कीमत के सामान प्रकरण में स्वास्थ्य विभाग के कई अफसरों की मुसीबत बढ़ सकती है। गुरुवार को जांच कमेटी ने अस्पताल का चार्ज संभाल चुके तीन मेडिकल अफसरों को तलब कर उसने टाटा कंपनी की ओर से दान में मिले सामान का रिकार्ड मांगा है। तीन दिन में रिकार्ड प्रस्तुत करने के आदेश भी दिए है। उधर, जांच अधिकारियों के एल्टीमेटम से तीनों अफसरों की नींद उड़ गई है।

सीएमओ डॉ. सुनील कुमार शर्मा द्वारा हाथ पीछे खींचने के बाद से डीएम सुहास एलवाई एसडीएम गुंजा सिंह और एसीएमओ डा. सुनील दोहरे मामले में जांच करा रहे हैं। वहीं एक वरिष्ठ महिला  प्रशासनिक अफसर भी मामले में गोपनीय जांच कर रही है। गुरुवार को बतौर जांच अधिकारी एसडीएम गुंजा सिंह और एसीएमओ डा. सुनील दोहरे ने कोविड अस्पताल का चार्ज संभाल चुके डा. एनके तिवारी, डा. कपिल और डा. अनिल कुमार को सूरजपुर स्थित क्लैक्ट्रेट तलब किया। तीनों मेडिकल अफसर प्रस्तुत हुए। इनसे कोविड अस्पताल से गायब सामान के संबंध में कई सवाल पूछे गए, दो मेडिकल अफसरों ने तो पूरी स्थिति सामने रखी और उनके कार्यालय में वहां मौजूद सामान का विवरण भी दे दिया, लेकिन एक मेडिकल ऑफिसर ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। जांच कमेटी ने तीनों अफसरों से उनके कार्यालय में वहां मौजूद सामान का लिखित में रिकार्ड मांगा है। 

मामले में कई राज से उठ चुका पर्दा 
इस मामले में कई मामलों से पर्दा उठ चुका है। अस्पताल में एक भी संक्रमित न होते हुए भी इंचार्ज समेत पूरा स्टाफ बदल देना एक बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है। 26 दिसंबर को तत्कालीन सीएमओ डा. दीपक ओहरी ने अस्पताल का चार्ज दनकौर पीएचसी के चिकित्सक डा. नरेंद्र कुमार तिवारी को दिया था, जबकि 25 दिसंबर तक अस्पताल में एक भी कोरोना संक्रमित भर्ती नहीं था और 31 दिसंबर को अस्पताल खत्म हो गया। वहीं, हाजिरी रजिस्टर भी फोटो सामने आ चुकी है, जिसमें 22 दिसंबर को चार अफसरों ने पहुंचकर स्टाफ को धमकाया था तथा दो बजे की शिफ्ट में ड्यूटी देने वालों की दोपहर 12 बजे ही अनुपस्थिति दर्ज कर दी थी। 

यह हैं पूरा मामला 
कोरोना की पहली लहर में संक्रमितों के इलाज के लिए जून 2020 में टाटा के सहयोग से सेक्टर-125 में 250 बिस्तर का एल-1 कोविड अस्पताल तैयार किया गया था। जिसे प्रथम लहर के कमजोर पड़ने के बाद दिसंबर 2020 में खत्म कर दिया गया। अस्पताल में टाटा कंपनी से ही 210 बिस्तर, गद्दे, 200 पंखे, 8 कूलर, एयर कंडिशन, कुर्सी और मेज समेत लाखों का सामान भी दान में दिया गया था। कुछ सामान स्वास्थ्य विभाग से भी भेजा गया, जोकि वापस आ चुका हैं, लेकिन दान में मिला लाखों का रुपये का सामान आजतक गायब है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक सामान को बेच दिया गया है। उधर, प्रथम दृष्टया जांच में 90 बिस्तर दनकौर पीएचसी के चिकित्सक डा. एनके तिवारी के पास मिले हैं। जिनकी स्वास्थ्य विभाग को सात माह से कोई खबर ही नहीं थी।

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