नए नोएडा से जुड़ी बड़ी खबर : एक महीने में तैयार होगा मास्टर प्लान, प्राधिकरण ने करवाए यह बदलाव, जानें क्या होगा खास

नोएडा | 3 साल पहले | Mayank Tawer

Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो



Noida : गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर के 80 गांव को नया नोएडा में बसाने की तैयारी एक बार फिर तेज हो गई है। प्राधिकरण नया नोएडा बसा रहा है। यह पूरा प्रोजेक्ट 2031 तक बनकर तैयार हो जाएगा, लेकिन अगले एक महीने के भीतर इसका मास्टर प्लान जिम्मेदार कंपनी नोएडा प्राधिकरण के सामने पेश करेगी।

शासन और एनसीआर प्लानिंग बोर्ड में होगी पेश
नए नोएडा का मास्टर प्लान स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर कंपनी तैयारी कर रही है। यह जिम्मेदारी इस कंपनी को नोएडा प्राधिकरण द्वारा सौंपी गई है। अब अगले एक महीने के दौरान जिम्मेदार कंपनी प्राधिकरण के सामने नए नोएडा के मास्टर प्लान का प्रस्तुतीकरण करेगी। जिसके बाद प्राधिकरण द्वारा इस मास्टर प्लान को शासन और एनसीआर प्लानिंग बोर्ड बैठक में रखेगा।

एक महीने में आएगी नई रिपोर्ट
नया नोएडा को 4 फेस में बनाने की तैयारी की जा रही है। दादरी और बुलंदशहर के गांवों की जमीन पर बनने वाले नए नोएडा का मास्टर प्लान तैयार करने को लेकर स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (एसपीए) ने काम में तेजी शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि मास्टर प्लान से संबंधित रिपोर्ट कंपनी ने नोएडा प्राधिकरण को पहले सौंप दी थी, लेकिन इसमें कुछ संसोधन किया जाना है। नई रिपोर्ट एक महीने के भीतर नोएडा प्राधिकरण के सामने पेश की जाएगी।

ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ होगा न्यू नोएडा
रिपोर्ट के मुताबिक नोएड अथॉरिटी ने नक्शे में न्यू नोएडा का खाका खींचा गया है। इसके मुताबिक ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (केजीपी) के दोनों तरफ न्यू नोएडा क्षेत्र का दायरा होगा। प्राधिकरण ने दूसरे तरफ के कुछ गांवों का रकबा भी चिन्हित किया है। इनमें कोट, नयाबासरी, फूलपुर, खंडारा, गिरिराजपुर, आनंदपुर और कुछ अन्य गांव शामिल हैं। गांव और गांव की जमीन के हिसाब से ही मास्टर प्लान बनाया गया है।

नया नोएडा 80 गांवों की 210 वर्ग किमी जमीन पर बसेगा
देश में आर्थिक विकास को गति देने के लिए दो इंडस्ट्रियल रेलवे फ्रेट कॉरिडोर बनाए जा रहे हैं। करीब 1,500 किलोमीटर लम्बा दिल्ली-मुम्बई कॉरीडोर ग्रेटर नोएडा के दादरी से मुंबई में जवाहर लाल नेहरू पोर्ट तक है। दूसरा 1,839 किलोमीटर लम्बा रेलवे कॉरिडोर कोलकाता से अमृतसर तक बनाया जा रहा है। इन दोनों रेलवे कॉरिडोर के बीच गौतमबुद्ध नगर जिले की दादरी तहसील के 20 गांव हैं। बुलंदशहर जिले की खुर्जा और सिकंदराबाद तहसीलों के 60 गांव हैं। इन 80 गांवों की जमीन पर नया नोएडा बसेगा।

किसनों को लैण्डपूलिंग का लाभ मिलेगा
नए नोएडा को बसाने के लिए लैंडपूल के जरिए जमीन लेने की तैयारी है। इस प्रक्रिया के तहत किसानों को भी योजना में भागीदारी दी जाएगी। नोएडा अथॉरिटी का कहना है, नवी मुंबई लैंड पुलिंग के जरिए विकसित किया गया है। वहां के मॉडल को यहां की योजना में शामिल करेंगे। आप इसे कुछ ऐसे समझ सकते हैं। किसान जितनी जमीन शहर बसाने के लिए देंगे, उसमें से कम से कम 25% जमीन डेवलप करके वापस लौटा देंगे। किसान यह जमीन खुद बिल्डरों और कंपनियों को बेचेंगे। खुद भी हाऊसिंग या रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट ला सकते हैं। कुल मिलाकर साफ़ है कि आने वाले कुछ वर्षों बाद साऊथ नोएडा और न्यू नोएडा दिल्ली-एनसीआर के बाकी शहरों को पीछे छोड़ देंगे।

साउथ नोएडा में कनेक्टिविटी और फैसिलिटी का खास ख्याल
ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे की वजह से नोएडा शहर का यह हिस्सा फरीदाबाद और गुड़गांव के नजदीक आ गया है। फरीदाबाद-नोएडा-गाजियाबाद मार्ग (एफएनजी) की कनेक्टिविटी भी इसे मिलेगी। शहर का सबसे बड़ा 200 एकड़ का शहीद भगत सिंह पार्क, 1000 एकड़ वाला बायोडायवर्सिटी पार्क, 250 एकड़ का वेटलैंड, 10 एकड़ में देश का सबसे बड़ा हेलीपोर्ट और 100 एकड़ में 18 हॉल्स वाला गोल्फकोर्स कॉम्प्लेक्स भी यहां बनाया जा रहा है। यह इलाका हरा-भरा और पर्यावरण की दृष्टि से समृद्ध होने के कारण इस हिस्से को शहर का फेफड़ा भी बोला जा रहा है।

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