Noida News : शहर के सेक्टर-6 में स्थित संदीप पेपर मिल (Sandeep Paper Mill) के खिलाफ वहां रहने वाले निवासियों ने शिकायत दर्ज कराई है। इसी शिकायत को देखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal) एनजीटी ने गुरुवार को निरीक्षण के आदेश दिए हैं। दिए गए आदेश में एनजीटी ने के द्वारा बनाई गई टीम संदीप पेपर मिल का निरीक्षण करेगी मिल की सभी गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए फैसला लिया जाएगा।
ट्राइसिटी टुडे से बातचीत में बताया
दरअसल, मनीष अवाना ने ट्राइसिटी टुडे से खास बातचीत में बताया कि वह हरौला में रहते हैं उनके घर के पास संदीप पेपर मिल स्थित है जो महज नोएडा अथॉरिटी से 100 मीटर की दूरी पर है। इस मामले में विजय कुमार ने याचिका दी थी। मनीष अवाना ने बताया कि फैक्ट्री से निकलने वाला धुंवा इतना भयंकर है कि उसके कारण शाम के समय उनके आसपास का वातावरण काला पड़ जाता है देखना भी दुश्वार हो जाता है। संदीप पेपर मिल यमुना नदी से कुछ दूरी पर है वहीं इसके पास ही हरौला, नया बांस, झूंपुरा गांव स्थित है। साथ ही सेक्टर- 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12, 14, 14ए, 15ए, 44 भी स्थित है।
क्या बोले निवासी
हरौला निवासी विनोद अवाना और अखिलेश ने बताया कि यह पेपर मिल आए दिन प्रदूषण के स्तर को और बड़ा रही है। निवासियों के बार-बार शिकायत के बाद भी कोई कड़ा फैसला प्रशासन द्वारा नहीं लिया जा रहा है। इस पेपर मिल से बड़ी मात्रा में जानलेवा धुंवा रोजाना निकलता है। यह पेपर मिल वायु ही नहीं बल्कि जल प्रदूषण का भी बड़ा कारण बन चूका है। दी गई शिकायत में यह भी आरोप है कि फैक्ट्री प्रबंधन परिसर में बेतरतीब तरीके से रबड़ प्लास्टिक गत्ते के कचरे को रखता है जो कि पहाड़ की शक्ल में फैक्ट्री के एक गेट के सामने रखा गया है। नोएडा अथॉरिटी से महज 100 मीटर की दूरी पर है फैक्ट्री
इन सब में एक बात बड़ी सामने आई है कि यह फैक्ट्री नोएडा अथॉरिटी से महज 100 मीटर की दूरी पर है उसके बावजूद भी कोई कड़ा फैसला नहीं लिया है। इस फैक्टरी के पास कई परिवार रहते हैं और ऐसे रसायनिक तत्वों के हवा में घुलने से उनको जानलेवा बीमारी का खतरा भी बना हुआ है। निवासियों का आरोप है की अगर जल्द ही इन फैक्ट्री को बंद नहीं किया गया तो प्रदुषण के कारण लोग कई बीमारियों से जुजेंगे।
एनजीटी ने किया कमेटी का गठन
एनजीटी की ओर से इस मामले में कोई भी आवश्यक कार्रवाई करने से पहले एक कमेटी का गठन कर मामले की जांच की जा रही है। जिसके बाद ही एनजीटी किसी फैसले पर पहुंचेगी। एनजीटी की ओर से गठित कमेटी में राज्य और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Boards) के अधिकारियों के अलावा जिला अधिकारी भी शामिल है। दी गयी याचिका में फैसला लेते हुए अगली सुनवाई एक सितंबर को होगी।