नोएडा में डिफॉल्टर बिल्डरों पर एक्शन की तैयारी! प्राधिकरण ने नियमों में किया बदलाव, अब नहीं बन पाएंगे फ्लैट

नोएडा | 2 महीना पहले | Nitin Parashar

Tricity Today | Symbolic



Noida News : नोएडा प्राधिकरण ने बकैदार बिल्डरों के खिलाफ शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। पिछले दिनों बिल्डरों पर कार्रवाई की गई है। जिसमें बिल्डरों की संपत्ति को सील किया गया। इसी क्रम में नोएडा प्राधिकरण ने बकाएदार बिल्डरों के खिलाफ कड़े कदम उठाते हुए नए नियम लागू किए हैं। साथ ही अथॉरिटी ने बकाएदार बिल्डरों के लिए किसी भी लैंड स्कीम में हिस्सा लेने पर नो एंट्री का बोर्ड लगा दिया है।

ग्रुप हाउसिंग भूखंडों की योजना तैयार
नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि चार नए ग्रुप हाउसिंग भूखंडों की योजना तैयार की है, जो सेक्टर-44 और 151 में स्थित हैं। इस महीने की योजना में तीन भूखंड शामिल किए जाएंगे, जबकि शेष को अगली योजना में रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि नए नियमों के अनुसार, बिल्डरों को भूखंड आवंटन के 90 दिनों के भीतर पूरा भुगतान करना होगा, जो पहले आठ साल तक का समय था। इसके बाद ही भूखंड की रजिस्ट्री की जाएगी। डिफॉल्टर बिल्डरों को किसी भी नई लैंड स्कीम में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया गया है। यह कदम बिल्डरों की आर्थिक स्थिति को सुनिश्चित करने और बकाया राशि की समस्या से निपटने के लिए उठाया गया है।

नए बिल्डरों को मिलेगा अवसर
अधिकारियों ने बताया कि नोएडा में अधिकतर बिल्डर डिफॉल्टर हैं। नए नियमों से ऐसे बिल्डरों को नई योजनाओं में भाग लेने से रोका जाएगा, जिससे नए और वित्तीय रूप से मजबूत बिल्डरों को अवसर मिलेगा। यह कदम पिछले 15 वर्षों से चली आ रही बकाया वसूली की समस्या को हल करने के लिए उठाया गया है। प्राधिकरण के पास करोड़ों रुपये की बकाया राशि है, जो पुराने भूखंड आवंटनों से संबंधित है। नए नियम इस स्थिति को सुधारने और भविष्य में ऐसी समस्याओं को रोकने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।

रियल एस्टेट क्षेत्र में बदलाव के संकेत 
इन नियमों का एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि बकाएदार बिल्डरों को किसी भी नई लैंड स्कीम में भाग लेने से रोका जाएगा। यह कदम न केवल प्राधिकरण के वित्तीय हितों की रक्षा करेगा, बल्कि भविष्य के खरीदारों को भी संभावित धोखाधड़ी से बचाएगा। वहीं, यह नया नियम नोएडा के रियल एस्टेट क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव के संकेत है। इससे न केवल प्राधिकरण की वित्तीय स्थिति में सुधार होगा, बल्कि यह बायर्स के हितों की रक्षा भी करेगा। साथ ही, यह कदम नए और वित्तीय रूप से मजबूत बिल्डरों को बाजार में प्रवेश करने का अवसर प्रदान करेगा, जिससे क्षेत्र में नवाचार और गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद है।

अन्य खबरें