नोएडा : कोविड अस्पताल में हर मिनट बनेगी 1000 लीटर ऑक्सीजन, इस अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल होगा

नोएडा | 3 साल पहले | Mayank Tawer

Google Image | Symbolic Photo



Noida News : कोरोना वायरस के कारण पहली महामारी की तीसरी लहर आने की संभावना जाहिर की जा रही है। जिससे छोटे बच्चों को ज्यादा खतरा बताया जा रहा है। तीसरी लहर में आक्सीजन की कमी नहीं हो इसके लिए सरकार, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग पुख्ता इंतजाम कर रहे हैं। नोएडा के सेक्टर-39 में स्थित कोविड अस्पताल में अत्याधुनिक प्रेशर स्विंग एडसॉर्बेशन (पीएसए) तकनीक पर आधारित चार प्लांट स्थापित किए गए हैं। इन प्लांट का ट्रायल भी किया जा चुका है। यह चाराें प्लांट प्रत्येक मिनट 1,000 लीटर आक्सीजन का उत्पादन करेंगे।

नोएडा सेक्टर-39 कोविड अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ.सुषमा चंद्रा ने बताया कि बजट के अभाव में आक्सीजन प्लांट का कार्य रुक गया था। तीन दिन पहले डीएम सुहास एलवाई ने प्लांट का काम पूरा करने के लिए सात लाख रुपये जारी किए हैं। जिससे सभी कार्य पूरे कर लिए गए हैं। अब इस अस्पताल में आक्सीजन की कोई कमी नहीं होगी। अभी तक ऑक्सीजन के अभाव में सिर्फ 200 बिस्तरों पर इलाज चल रहा है। अब बिस्तरों की संख्या बढ़ाकर 400 कर दी जाएगी। नोएडा कोविड अस्पताल जिले का सबसे आधुनिक और बड़ा अस्पाल है। यहां सभी प्रकार की सुविधाएं मौजूद हैं। पिछले साल 8 अगस्त 2020 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अस्पताल का शुभारंभ किया था। 

आपको बता दें कि तीसरी लहर का सबसे अधिक खतरा बच्चों को बताया जा रहा है। इसलिए प्ले क्लास की तर्ज पर अस्पताल में 30 बिस्तर का पीडियाट्रिक आइसीयू और 70 बिस्तर का आइसोलेशन वार्ड आरक्षित किया गया है। इस वार्ड में वेंटिलेटर, एचएफएनसी और बाई-पेप जैसी आपातकालीन सुविधाएं हैं। 

कैसे काम करता है पीएसए प्लांट 
प्रेशर स्विंग एडसॉर्बेशन (पीएसए) प्लांट हाई प्रेशर के साथ हवा वायुमंडल से खींचता है। इस सामान्य हवा में मौजूद आक्सीजन को अलग करके स्टोर करता है। इस प्लांट में एक चैंबर होता है, जिसमें कुछ एडजोर्बेंट रखे जाते हैं। जिनसे साधारण हवा गुजरती है तो उसमें से ऑक्सीजन अलग हो जाती है। प्लांट इस आक्सीजन को मरीजों तक पहुंचाता है। स्टील प्लांट्स में ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत होती है। वहां इसी विधि से ऑक्सीजन बनती है। लेकिन अस्पतालों में स्थापित किए गए प्लांट्स से बनने वाली ऑक्सीजन की शुद्धता स्टील प्लांट्स वाली ऑक्सीजन से अच्छी होती है।

अन्य खबरें