BIG BREAKING : आम्रपाली बिल्डर के एफएआर की नीलामी शुरू, इस प्रोजेक्ट के लिए 40 करोड़ से शुरू हुई बोली

नोएडा | 3 साल पहले | Rakesh Tyagi

Tricity Today | आम्रपाली



आम्रपाली बिल्डर से जुड़ी बड़ी खबर है। आम्रपाली की आवासीय परियोजनाओं में खाली पड़े एफएआर (Floor Aria Ratio) की नीलामी नेशनल बिल्डिंग कन्स्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन ने शुरू कर दी है। नोएडा के सेक्टर-73 में आम्रपाली प्रिन्सले एस्टेट प्रोजेक्ट में एफएआर की नीमली की घोषणा कर दी गई है। इसकी शुरुआती बोली 40 करोड़ रुपये से शुरू होगी। यह नीलामी आने वाले 3 सितम्बर को ऑनलाइन होगी। जानकारी मिली है कि शहर के कई बिल्डर इस नीलामी में दिलचस्पी ले रहे हैं।

आम्रपाली बिल्डर की 12 आवासीय परियोजनाओं में करीब 30 हजार फ्लैट खरीदार फंसे हुए हैं। बिल्डर जेल में है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एनबीसीसी अधूरे पड़े प्रोजेक्ट पूरे कर रहा है। इनके लिए धन एकत्र कर रहा है। इसी सिलसिले में अब कम्पनी की सम्पत्तियां नीलाम की जा रही हैं। एनबीसीसी से मिली जानकारी के मुताबिक प्रिन्सले एस्टेट प्रोजेक्ट में 3 आवासीय टॉवर बनाने के लिए एफएआर बकाया है। यह 18,155 वर्ग मीटर एफएआर नीलम किया जाएगा।

यह प्राधिकरण के आवंटन के सापेक्ष 2.75 रेश्यो में एफएआर उपलब्ध है। इसे 3.50 तक बढ़ाया जाएगा तो 6,050 वर्ग मीटर एफएआर और मिलेगा। इसके अलावा 222 वर्ग मीटर कमर्शियल एफएआर उपलब्ध है। इस एफएआर पर कम से कम 178 फ्लैट का निर्माण किया जा सकता है। यह सम्पत्ति नीमल होगी। जिसके लिए न्यूनतम बोली 40 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है। यह नीलामी 3 सितम्बर को होगी।

डायरेक्टर अनिल शर्मा को मिली जमानत
आपको बता दें कि दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने आम्रपाली ग्रुप के डायरेक्टर अनिल शर्मा और शिव प्रिया के साथ 14 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। यह गिरफ्तारी फ्लैट की डिलिवरी न देने के मामले में की गई थी। साल 2019 में EOW के पास केस दर्ज की गई थी। मार्च 2021 में आम्रपाली के चेयरमैन अनिल शर्मा को कोर्ट ने जमानत दे दी थी। अनिल शर्मा ने कोर्ट में अपना मेडिकल रिपोर्ट दिखाया था। जिसमें लिखा हुआ था कि अनिल शर्मा की तबीयत ठीक नहीं है। इसके बाद अनिल शर्मा को कोर्ट ने जमानत दे दी थी। जमानत मिलने के बाद अम्रपाली के खरीदारों में काफी रोष व्याप्त हो गया है।

हजारों लोगों को दिया धोखा
आम्रपाली समूह ने वर्ष 2007 से लेकर 2013 तक नोएडा, ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट में 22 आवासीय परियोजनाएं लांच की थीं। इन परियोजनाओं में करीब 45,000 फ्लैट खरीददार फंसे हुए हैं। फ्लैट खरीदारों ने वर्ष 2017 में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अनिल शर्मा और उनके सहयोगियों पर शिकंजा कसना शुरू हुआ। अंततः इन लोगों की धोखाधड़ी, जालसाजी और तमाम दूसरे आपराधिक कृत्य खुलकर सामने आए। सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली समूह की कंपनियों का फॉरेंसिक ऑडिट कराया। जिससे पता चला कि इन लोगों ने मिलकर हजारों करोड रुपए इधर से उधर किए हैं। यह पैसा फ्लैट खरीदारों से लिया गया था। 

3 असिस्टेंट अफसर सस्पेंड, 3600 करोड़ रुपये फंसाए
आम्रपाली बिल्डर पर अरबों रुपए बकाया होने के बावजूद उससे वसूली नहीं करने वाले और बकायादार बिल्डर को नियम-कायदों से इतर लाभ पहुंचाने वाले ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के तीन कर्मचारियों को निलंबित कर दिए थे। बकाया होने के बाद भी आम्रपाली बिल्डर को तमाम तरह की अनुमति देने के मामले में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने तीन सहायक (असिस्टेंट) निलंबित कर दिए गए थे। दो सहायकों पर अभी कार्रवाई नहीं की गई है। सभी के खिलाफ जांच बैठा दी गई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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