Noida News : यूपी की योगी सरकार हर साल सभी उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण में अच्छा काम करने वाले अफसरों का प्रमोशन करती है। कई सालों का अनुभव होने के बावजूद अफसरों को प्रमोशन पाने के लिए काफी पापड़ बेलने पड़ते हैं। हाल में भी नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में कई अधिकारियों को फाइल की गति बढ़ाने के बाद शासन की तरफ से प्रमोशन मिला है। लेकिन दूसरी तरफ नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में मात्र दो-दो साल का अनुभव होने के बाद मैनेजरों को सीनियर मैनेजर का प्रभाव देना चर्चाओं का विषय बन गया है।
क्या है मामला
अथॉरिटी के अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में कुछ जूनियर अधिकारियों को सीनियर का प्रभार दिया गया है। यह अधिकारी मैनेजर से सीधा सीनियर मैनेजर की कुर्सी पर बैठ गए हैं। इनको कुर्सी दिलवाने में कई वरिष्ठ अधिकारियों का अहम योगदान है। दूसरी तरफ सालों से अपने अनुभव और मेहनत के बलबूते पर अच्छी रैंकिंग लाने वाले वरिष्ठ मैनेजरों को दरकिनार कर दिया गया। इन अधिकारियों को दोनों अथॉरिटी में मौका नहीं दिया गया है। अगर बात की जाए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तो यहां भी जूनियर मैनेजर को सीनियर का प्रभार दिया गया है। यह सभी वर्तमान में मलाईदार पद पर तैनात हैं।
नोएडा अथॉरिटी का हाल
दूसरी तरफ नोएडा प्राधिकरण के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि नोएडा प्राधिकरण में तैनात एम पारस नाथ सोनकर और प्रताप सिंह शासन की तरफ से जारी रैंकिंग में पायदान पर ऊपर हैं। ये दोनों ऑथरिटी के वरिष्ठ मैनेजर है। रैंकिंग में मैनेजर राजकमल, अशोक कुमार और प्रेमचंद सैन का पायदान नीचे है। वरिष्ठ मैनेजर की सूची में अशोक कुमार और प्रेमचंद सेन का दोनों वरिष्ठ मैनेजर से करीब 15 पायदान का अंतर हैं। जूनियर को सीनियर मैनेजर का प्रभाव दें दिया गया है। अगर बात नियम और कायदा की हो तो चाहे किसी भी विभाग का वरिष्ठ अधिकारी हो पहले कुर्सी पर बैठना उसका हक होता है। इस रैंकिंग की सूची ट्राइसिटी टुडे के पास उपलब्ध है।