Noida News : बायर्स के लगातार परेशान होने और बिल्डरों की मनमानी पर जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने कड़ा रुख अपना लिया है। उन्होंने कलेक्ट्रेट सभागार में हुई बैठक में बिल्डरों को एक महीने में बकाया जमा कराकर खरीदारों की रजिस्ट्री कराने के लिए आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जिन परियोजनाओं में जितने फ्लैट के लिए ओसी मिल गई है, उन सभी की रजिस्ट्री भी तत्काल कराई जाए।
पूरा भुगतान करने के बाद भी बायर परेशान
नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में 161 बिल्डर प्रोजेक्ट में लाखों खरीदार फंसे हैं। बायर्स ने बिल्डरों को फ्लैट का पूरा पैसा दे दिया है, लेकिन कई वर्ष बीतने के बाद भी उन्हें घर पर मालिकाना हक नहीं मिल पा रहा है। बायर्स का यह दर्द कलक्ट्रेट सभागार में बिल्डरों की बैठक में जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा के सामने फूट पड़ा। फ्लैट बायर्स ने बताया कि बिल्डर को फ्लैट की पूरी धनराशि का भुगतान करने के बावजूद बिल्डर फ्लैटों की रजिस्ट्री नहीं करा रहे हैं।
जिन फ्लैट की मिली ओसी उनकी तत्काल हो रजिस्ट्री
बिल्डरों ने बैठक में बताया कि प्राधिकरण से ओसी (ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट) न मिलने के कारण फ्लैटों की रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है। इससे बायर्स को मालिकाना हक नहीं मिल पा रहा है। जिलाधिकारी ने साफ किया कि बिल्डरों को जिन फ्लैटों की ओसी प्राप्त हो गई है, उनकी तुरंत रजिस्ट्री कराई जाए। साथ ही, एक माह में पूरा बकाया जमा कर रजिस्ट्री करवाने की प्रक्रिया को तेज किया जाए।
बिल्डरों को दी कड़ी चेतावनी
जिलाधिकारी ने बिना रजिस्ट्री के ही खरीदार को कब्जा देने वाले बिल्डरों पर कार्रवाई किए जाने की मंशा को जाहिर करते हुए कहा कि बिना रजिस्ट्री फ्लैट पर कब्जा देने वाले बिल्डरों पर कार्रवाई की जाएगी। बिल्डर बिना रजिस्ट्री खरीदार को फ्लैट का कब्जा दे रहे हैं, इससे स्टांप राजस्व की हानि हो रही है। स्टांप विभाग ऐसे बिल्डर्स के खिलाफ कार्रवाई करे। बिल्डर्स और फ्लैट बायर्स की समस्याओं को लेकर प्रत्येक माह बैठक की जाए। बैठक में एडीएम राजस्व अतुल कुमार, एआईजी स्टांप शशि भानू मिश्रा आदि मौजूद रहे।
इन परियोजनाओं के बायर्स सबसे अधिक परेशान
बैठक में सेक्टर-137 पारस टियारा, सेक्टर-70 पेन ओएसिस, लोटस ब्लू बर्ड बिल्डर्स, ग्रेटर नोएडा के महागुन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, मिक्सिंग ग्रीन मैंशन और लॉ रेजिडेंशिया के खरीदारों ने सबसे ज्यादा शिकायतें कीं। इस दौरान जिलाधिकारी ने स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्टांप राजस्व में अधिक से अधिक वृद्धि सुनिश्चित की जाए। स्टांप शुल्क की चोरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।