नोएडा: एमिटी यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में बोले विशेषज्ञ-‘शोध समाज हित का माध्यम है’

नोएडा | 3 साल पहले | Anika Gupta

Tricity Today | हवन से हुआ सत्रारंभ



एमिटी विश्वविद्यालय में पूरे विश्व से छात्र अपना कैरियर बनाने आते हैं। इस वर्ष हजारों अभ्यर्थियों ने विभिन्न डाक्टरेट प्रोग्राम में आवेदन किया था। इसमें कठिन चयन प्रक्रिया के उपरांत 374 छात्रों को डॉक्टरेट पाठयक्रम के लिए चुना गया। आज एमिटी विश्वविद्यालय मे पीएचडी ओरियंटेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें एमिटी विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर डॉ (श्रीमती) बलविंदर शुक्ला,  फैकल्टी मैनेजमेंट स्टडीज के डीन डॉ संजीव बंसल एंव पीएचडी प्रोग्राम के इंचार्ज डॉ केएम सोनी ने सभी अभ्यर्थियों सहित हवन करके कार्यक्रम का प्रारंभ किया।


एमिटी विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर डॉ (प्रो) बलविंदर शुक्ला ने संबोधित करते हुए कहा, आज आप सब एमिटी परिवार का हिस्सा बन रहे हैं। किसी भी देश के विकास में शोध महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिए आपको अपने शोध को देश विकास में निहित कार्य समझ कर करना है। एमिटी के संस्थापक अध्यक्ष डॉ अशोक कुमार चौहान ने कहा, शोध मात्र एक जानकारी प्राप्त करना नहीं है। यह समाज एंव देश के विकास में योगदान है। आपका शोध तभी सार्थक है, जब उसका लाभ समाज के हर वर्ग को मिले। कठिन चयन प्रक्रिया के पश्चात सर्वश्रेष्ठ छात्र ही यहां चयनित होते हैं। एक अच्छा शोधार्थी एक अच्छा विद्यार्थी होता है।  

हवन के उपरांत ओरिंयटेशन कार्यक्रम के तहत एमिटी सांइस टेक्नोलॉजी एंड इन्नोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डॉ डब्लू सेल्वामूर्ती ने ‘‘एमिटी समूह में शोध एंव नवोन्मेष का परिचय’’ पर एंव फैकल्टी ऑफ हेल्थ एंड एलाइड सांइस के डीन एंव यूनिवर्सीटी रिर्सच कांउसिल के चेयरमैन डॉ बीसी दास ने ‘‘ क्यों, क्या और कैसे करे अनुसंधान’’ विषय पर व्याख्यान दिया। इस अवसर पर एमिटी लॉ स्कूल के चेयरमैन डॉ डीके बंद्योपाध्याय, आरसी कोच्चर सहित एमिटी विश्वविद्यालय के शिक्षक उपस्थित रहे।

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