NOIDA BREAKING : सिक्का कार्मिक बिल्डर समेत 2 पर एफआईआर दर्ज, सिक्योरिटी गार्ड की मौत के 55 घंटे बाद पुलिस की टूटी नींद

नोएडा | 2 साल पहले | Mayank Tawer

Tricity Today | प्रदर्शन करते हुए



Noida News : सिक्योरिटी गार्ड की मौत होने के करीब 55 घंटे बाद पुलिस ने सिक्का कार्मिक सोसायटी के बिल्डर समेत 2 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। पीड़ित परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने जबरदस्ती सिक्योरिटी गार्ड रामहित का पोस्टमार्टम करवाया है। मंगलवार को पूरे दिन सुबह से लेकर शाम तक सोसाइटी में प्रदर्शन चलता रहा। परिजनों ने 4 घंटे तक उचित मुआवजा देने की मांग की, लेकिन पीड़ित परिजनों को कोई भी मदद नहीं मिली है।

परिजनों ने पुलिस पर उठाए सवाल
इस मामले में सिक्योरिटी गार्ड रामहित यादव के जीजा अरविंद यादव ने बताया, "नोएडा पुलिस की तरफ से हमको कोई भी समर्थन नहीं मिला है।" उनका आरोप है कि उनके साले की मौत के करीब 55 घंटे बाद पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज किया है। जबकि ऐसे मामलों में पुलिस को तत्काल एक्शन लेना चाहिए। इस मामले में मृतक के जीजा अरविंद यादव ने नोएडा पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि सेक्टर-113 थाना पुलिस द्वारा उनकी कोई भी मदद नहीं की गई है। अरविन्द यादव ने आगे कहा है कि पुलिस ने इस मामले में बिल्डर का साथ देने का प्रयास किया है। हम 50 लाख रुपए मुआवजा लेने की मांग कर रहे हैं, लेकिन बिल्डर 2 लाख रुपए में रामहित यादव की जान का सौदा कर रहा है। रामहित यादव की शादी डेढ़ साल पहले हुई थी और उसकी पत्नी के पेट में उसका 7 महीने का बच्चा पल रहा है।

शव पैतृक गांव ले जाने की शर्त पर वापस सौंपा
रामहित यादव के परिजनों ने बताया कि वह जब प्रदर्शन कर रहे थे तो पुलिस ने जबरदस्ती उनके लाडले का शव छीन लिया और एंबुलेंस में रख कर ले गए। परिजनों ने गिड़गड़ाते हुए पुलिस कर्मियों से मदद की गुहार लगाई थी, लेकिन पुलिस रामहित यादव के शव को ले गई। शाम करीब 7:00 बजे पैतृक गांव हमीरपुर ले जाने की शर्त पर नोएडा पुलिस ने वापस सिक्योरिटी गार्ड के शव को उसके परिजनों को सौंपा।

क्या है पूरा मामला
दरअसल, बीते रविवार 31 जुलाई 2022 की सुबह बारिश के दौरान सिक्का कार्मिक हाउसिंग सोसाइटी में लोहे का गेट टूट कर 28 साल के सुरक्षाकर्मी रामहित यादव के ऊपर गिर गया था। इस हादसे में रामहित यादव गंभीर रूप से घायल हो गया और उसको इलाज के लिए एक नोएडा के प्राइवेट अस्पताल में एडमिट करवाया गया। हालत ज्यादा नाजुक होने के बाद सिक्योरिटी गार्ड को दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में रेफर किया गया। जहां पर उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया है।

परिजनों ने की ₹50 लाख मुआवजा देने की मांग
बिल्डर ने रामहित यादव की जान की कीमत केवल 2 लाख रुपए तय की है, जिसको परिजनों ठुकरा दिया है। रामहित यादव की करीब डेढ़ साल पहले शादी हुई है और उसकी पत्नी के पेट में 7 महीने का बच्चा पल रहा है। इसके लिए परिजनों ने कम से कम 50 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की है। बताया जा रहा है कि इस पर बिल्डर अभी तक राजी नहीं हुआ है।

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