नोएडा से बड़ी खबर : Supertech Builder आरके अरोड़ा ने मांगी जमानत, कहा- जेल में सुविधाएं नहीं

नोएडा | 10 महीना पहले | Nitin Parashar

Tricity Today | आरके अरोड़ा



Noida News : नोएडा और ग्रेटर नोएडा में घर खरीदारों को चूना लगाने वाले सुपरटेक बिल्डर आरके अरोड़ा (Supertech Builder RK Arora) ने कोर्ट से अंतरिक्ष जमानत मांगी है। जालसाजी, धोखाधड़ी और मनी लांड्रिंग जैसे गंभीर आरोपों में जेल गए आरके अरोड़ा की तरफ से दायर एक याचिका में बीमार होने को कारण बताया गया है। मामले की सुनवाई बुधवार को होनी थी, लेकिन दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने इसे 5 जनवरी तक के लिए टाल दिया गया है। अब शुक्रवार को बिल्डर की अपील पर सुनवाई होगी। बता दें, आरके अरोड़ा 10 जुलाई 2023 को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे गए थे, तब से वह जेल में है। सुपरटेक ग्रुप के चेयरमैन आरके अरोड़ा पर अनेक आरोप हैं। एक समय ऐसा था, जब आरके अरोड़ा की तूती पूरे एनसीआर में बोलती थी।

कोर्ट में की अपील 
याचिका में कहा गया है कि जेल अधिकारियों ने अरोड़ा को डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल रेफर किया था। वहां उनकी जांच हुई और उन्‍हें नुस्खे बताए। देखभाल के बावजूद डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉक्टरों ने अरोड़ा के स्वास्थ्य में सुधार की कमी देखी। याचिका में सटीक निदान और तत्काल चिकित्सा उपचार की सुविधा के लिए अंतरिम जमानत पर उनकी तत्काल रिहाई का तर्क दिया गया है। इसमें कहा गया है कि लंबे समय तक हिरासत में रहने से अरोड़ा का स्वास्थ्य खतरे में पड़ सकता है, जिससे उनके और उनके परिवार के लिए असहनीय परिणाम हो सकते हैं। बिल्डर को प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराने के लिए अंतरिम जमानत दी जानी चाहिए।

फ्लैट खरीदारों का पैसा दूसरे कारोबार में डाइवर्ट किया
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा और दिल्ली के सैकड़ों फ्लैट खरीदारों ने सुपरटेक समूह की कंपनियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज करवाए हैं। फ्लैट खरीदारों का आरोप है कि उनके पैसे को इस समूह की कंपनियों ने अवैध रूप से दूसरे कारोबार में डायवर्ट किया है। इन शिकायतों को संयुक्त रूप से प्रवर्तन निदेशालय ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत जांच शुरू की। जिसमें यह तथ्य सामने आए हैं कि सुपरटेक समूह की कंपनियों ने फ्लैट खरीदारों का पैसा गैरकानूनी ढंग से डायवर्ट किया है। 

बैंकों से कर्ज लिया और अरबों रुपए एनपीए हुआ
आरके अरोड़ा और उनकी कंपनियों ने केवल आम फ्लैट खरीदार को आर्थिक नुकसान नहीं पहुंचाया है, बल्कि कई बड़े बैंकों को भी अरबों रुपए का चूना लगाया है। प्रवर्तन निदेशालय का मानना है कि अरोड़ा की कम्पनियों ने गलत दस्तावेज और जानकारी देकर बैंकों से बड़े बड़े कर्ज लिए हैं। इसके बाद यह कर्ज वापस लौटाने में नाकाम रहे हैं। फ्लैट खरीदारों से मिले पैसे को गलत तरीके अपनाकर डायवर्ट किया गया है। ये सारे आरोप लगातार फ्लैट खरीदार लगा रहे थे। अब इन पर प्रवर्तन निदेशालय ने गहराई से पड़ताल की और आरोप सही पाए गए। उसके बाद ईडी ने अरोड़ा को गिरफ्तार किया था।

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