बड़ी खबर : अब रोजाना कोरोना मरीजों का हालचाल जान सकेंगे परिजन, नोएडा डीएम ने अस्पतालों को जारी किया बड़ा आदेश

नोएडा | 3 साल पहले |

Tricity Today | गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई



Noida and Greater Noida : कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों और उनके परिवार वालों के लिए बड़ी खबर है। गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने बुधवार को एक आदेश जारी किया है। जिसमें जिले के सभी कोविड-19 अस्पतालों को कहा गया है कि भर्ती मरीजों का हालचाल उनके परिजनों को बताया जाए। इसके लिए सभी अस्पतालों में एक हेल्पलाइन नंबर भी स्थापित करने का आदेश जिलाधिकारी ने दिया है। आपको बता दें कि कोरोना मरीजों को 1 से 3 सप्ताह तक अस्पतालों में भर्ती रहना पड़ता है। इस दौरान उनका हालचाल जानने के लिए परिवार के लोग परेशान रहते हैं। संक्रामक बीमारी होने के कारण परिजन मरीज के पास नहीं जा सकते हैं।

हेल्प लाइन और हेल्पडेस्क स्थापित करेंगे अस्पताल
जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने कहा, "सभी अस्पताल अपने अपने यहां एक हेल्प लाइन और हेल्पडेस्क स्थापित करेंगे। हेल्पडेस्क पर पर्याप्त संख्या में कर्मचारियों की तैनाती करनी होगी। हेल्पडेस्क पर दो प्रकार के दूरभाष नंबर रखे जाएंगे। जिन पर आउटगोइंग और इनकमिंग कॉल की सुविधा अलग-अलग दी जानी चाहिए। मतलब, एक टेलीफोन ऐसा होगा जिस पर केवल इनकमिंग फैसिलिटी होगी। जबकि दूसरा टेलीफोन ऐसा लगाया जाएगा जिस पर आउटगोइंग फैसिलिटी होगी।"

परिवार को सरल भाषा में जानकारी देनी होगी
डीएम ने कहा कि हेल्पडेस्क वाले आउटगोइंग कॉल करके अस्पताल में भर्ती मरीज के परिवारी जन और अटेंडेंट को उनके स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में प्रतिदिन अवगत करवाएंगे। इनकमिंग कॉल सुविधा वाले फोन पर यदि किसी मरीज के परिजन या अटेंडेंट फोन करके अपने मरीज के बारे में जानकारी लेना चाहते हैं तो हेल्प डेस्क के लोग स्वास्थ्य के बारे में जानकारी देंगे। जानकारी की भाषा सरल और सामान्य व्यक्ति के लिए बोधगम्य में होनी चाहिए। 

कॉलिंग का डाटा रोजाना एडीएम को भेजना होगा
आउटगोइंग कॉल करके प्रतिदिन किस-किस मरीज के परिवार को जानकारी दी गई है, उसका डाटा मेंटेन करना होगा। इसमें मरीज का नाम, परिजन का नाम और दूरभाष नंबर दिया जाएगा। यह सूचना प्रतिदिन जिले के अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) को उपलब्ध करवानी होगी। डीएम ने एडीएम को आदेश दिया है कि अस्पतालों से मिलने वाले डाटा की आकस्मिक जांच करने के लिए एक टीम गठित करें। यह टीम डाटा में से किसी भी मरीज के परिजन का नंबर लेकर उन्हें फोन करेगी। उनसे पूछेंगे कि अस्पताल ने कब और क्या जानकारी उन्हें दी है। यदि किसी अस्पताल द्वारा डाटा उपलब्ध नहीं करवाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। फर्जी डाटा उपलब्ध करवाया गया तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। यह कार्रवाई आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत होगी। 

डीएम के इस आदेश से कोरोनावायरस संक्रमित मरीजों और उनके परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी। दरअसल, आपको बता दें कि इस वक्त जिले के अस्पतालों में करीब 5500 मरीज भर्ती हैं। इनमें से करीब 30 फ़ीसदी मरीज 2 से 3 सप्ताह से अस्पताल में है। ऐसे में मरीजों के परिवार चिंतित रहते हैं और लगातार जिला प्रशासन से कोई सूचना नहीं मिलने की शिकायत करते हैं।

 

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