Noida : जीते पंकज सिंह लेकिन चर्चाएं पंखुड़ी पाठक की, जानिए वजह

नोएडा | 2 साल पहले | Nitin Parashar

Tricity Today | पंखुड़ी पाठक



Noida : नोएडा विधानसभा चुनाव में पंकज सिंह (Pankaj Singh BJP) ने एक बार फिर भारी मतों से रिकॉर्ड जीत दर्ज की है। भाजपा, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस के उम्मीदवार दो महीनों से लगातार जीत के लिए संघर्ष कर रहे थे। प्रत्याशी जनता को लुभाने के लिए तरह-तरह के फार्मूले अजमा रहे थे। सीधी टक्कर दो युवा चेहरों के बीच मानी जा रही थी, जिसमें एक तरफ पंकज सिंह और दूसरी तरफ पंखुड़ी पाठक ( Pankhuri Pathak) रहीं। पाठक इस चुनाव में हार के बावजूद चर्चा में बनी हुई हैं। पंखुड़ी ने आज सुबह ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है, "परिणाम अगर जनता का है तो मैं स्वीकार करती हूं, लेकिन यह परिणाम मुझे सहमत नहीं कर पा रहा है।"

चर्चा का विषय
कांग्रेस उम्मीदवार अपने पढ़े-लिखे और तेजतर्रार चेहरे के दम पर सेक्टर और सोसायटी में मतदाताओं को लुभा रही थीं। दूसरी ओर अपनी ग्रामीण पृष्ठभूमि का फायदा उठाकर अनिल यादव अन्य पिछड़ा वर्ग और ग्रामीण मतदाताओं को जोड़ने में लगे रहे। खास तौर से ब्राह्मण, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक और शहरी वोटरों पर पंखुड़ी पाठक की नजर रही। यही वजह है कि पंखुड़ी हार के बावजूद शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में चर्चा का विषय बनी हुई है। आने वाले दिनों में लोग उनको विपक्ष के तौर पर देख रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पंखुड़ी पाठक भले ही चुनाव हार गई हैं लेकिन वह एक मजबूत विपक्षी नेता के तौर पर नोएडा में उभर चुकी हैं। शहर का आम आदमी मदद के लिए उन्हें सोशल मीडिया पर संबोधित करता है। सीधा संपर्क भी लोग करने लगे हैं। लिहाजा आने वाले दिनों में पंखुड़ी पाठक को अपनी सक्रियता बरकरार रखनी चाहिए।

सड़क पर उतर कर किया आंदोलन 
दरअसल, पाठक ने चुनाव से पहले शहर की कई समस्याओं को लेकर आंदोलन खड़ा किया। चुनाव के दौरान सेक्टर से लेकर सोसाइटी के मुद्दे उठाए और प्रचार के दौरान उनको समर्थन भी मिलता दिखा, लेकिन यह सब वोट में नहीं बदल पाया। पंखुड़ी को केवल 13 हजार 494 वोट हासिल हुए हैं। परिणाम के लिहाज से वह चौथे स्थान पर रही हैं। कांग्रेस उम्मीदवार एक साल से नोएडा में सक्रिय थीं। वह खासतौर से सेक्टरों और हाउसिंग सोसायटी में काम कर रही थीं। खास बात यह है कि मौजूदा विधायक पंकज सिंह को घेरने के लिए पिछले एक साल में पंखुड़ी पाठक ने कई बार सड़क पर उतरकर आंदोलन किया है।

मूल रूप से उत्तराखंडी और दिल्ली में पली बढ़ी है पंखुड़ी पाठक
पंखुड़ी पाठक मूल रूप से उत्तराखंड की रहने वाली हैं। उनका जन्म दिल्ली में हुआ है। द्वारका के दिल्ली पब्लिक स्कूल से पढ़ाई करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी के हंसराज कॉलेज से बीए ऑनर्स किया है। पंखुड़ी पाठक ने वर्ष 2010 में निर्दलीय छात्र संघ का चुनाव लड़कर कॉलेज में सचिव पद पर जीत हासिल की थी। इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी की लॉ फैकल्टी से एलएलबी किया है। मूलरूप से उत्तराखंड के अलमोड़ा शहर की रहने वाली हैं। माता-पिता दोनों डॉक्टर हैं। दिल्ली में प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं। पंखुड़ी पाठक का एक छोटा भाई है। जिसने जर्नलिज्म और मास कम्युनिकेशन किया है। मैं अभी म्यूज़िक इंडस्ट्री में काम कर रहा है।

2022 का नतीजा
2022 के मतगणना में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी पंकज सिंह को 244, 319 मत मिले है। समाजवादी पार्टी से सुनील चौधरी सुनील चौधरी दूसरा स्थान पर है, उनको 62, 806 वोट हासिल हुए। कृपाराम शर्मा बसपा उम्मीदवार ने 16, ,902 वोट मिलें। कांग्रेस उम्मीदवार पंखुड़ी पाठक को 13, 494 मत हासिल हुए हैं। बीजेपी से पंकज सिंह ने दूसरी बार भारी मतों से विजय हुए हैं।

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