गौतमबुद्ध नगर के सैकड़ों पैरेंट्स ने बुधवार को नोएडा के सेक्टर-27 स्थित जिलाधिकारी कैंप कार्यालय का घेराव किया। पैरेंट्स का आरोप है कि बेसिक शिक्षा विभाग की हीलाहवाली और ढिलाई की वजह से प्राइवेट स्कूल मनमानी कर रहे हैं। बच्चों को राइट टू एजुकेशन (RTE) के तहत प्राइवेट स्कूलों में दाखिला नहीं मिल रहा है। इस संबंध में अभिभावक पहले भी बेसिक शिक्षा विभाग और गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी को अवगत करा चुके हैं। पर, प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर लगाम नहीं लग सका। इससे क्षुब्ध होकर भारी संख्या में अभिभावक बुधवार को युवा क्रांति सेना के बैनर तले जिलाधिकारी कार्यालय पहुंच गए।
युवा क्रांति सेना के सदस्य अविनाश ने जिला प्रशासन पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग की बनाई हुई समिति सही ढंग से काम नहीं कर रही है। बीएसए ऑफिस ने अभिभावकों को राहत देने के लिए समिति बनाई। पर यह समिति जिन स्कूलों में जांच के लिए गई, वहां आरटीई के तहत बच्चों के दाखिले हुए ही नहीं हैं। स्कूलों ने साल 2021 के लिए एडमिशन लिस्ट तैयार तो कर लिया, पर एडमिशन नहीं कर रहे हैं। उन्होंने डीएम और बीएसए पर प्राइवेट स्कूलों को लेकर ढिलाई बरतने का आरोप लगाया। अविनाश ने बताया कि आरटीई के तहत जिले में हर साल करीब 4 हजार बच्चों के दाखिले होते हैं।
इस साल स्कूलों की लिस्ट में 4 हजार बच्चों का नाम तो है, पर असल में दाखिला सिर्फ तकरीबन 1 हजार बच्चों का ही हुआ है। इस मौके पर पैरेंट्स में भी भारी गुस्सा देखा गया। एक अभिभावक रामश्री ने अपनी व्यथा बताई। उन्होंने कहा कि आरटीई के तहत उन्होंने अपनी बच्ची का फॉर्म विश्व भारती, कैंब्रिज स्कूल और दिल्ली पब्लिक स्कूल में भरा था। 9 जुलाई, 2020 को विश्व भारती स्कूल की लिस्ट में उनकी बच्ची सोनाक्षी का नाम शामिल था। पर अब तक सोनाक्षी का दाखिला नहीं हुआ है। 7 महीने बीत गए, स्कूल अब भी टाइम मांग रहा है। जबकि 2 महीने बाद नया सेशन शुरू हो जाएगा। स्कूल बच्चों के भविष्य से खेल रहें हैं।
हालात की गंभीरता को समझते हुए एडीएम प्रशासन, दिवाकर सिंह मौके पर पहुंच गए। उन्होंने सभी पैरेंट्स से बात की। साथ ही सबको आश्वस्त किया कि अगर प्राइवेट स्कूलों की मनमानी का कोई मामला सामने आता है, तो उनके खिलाफ सख्त और उचित कार्रवाई की जाएगी। एडीएम प्रशासन ने कहा है कि जिस बच्चे का दाखिला जिस स्कूल में होना है, उसी में कराया जाएगा। जिला बेसिक शिक्षा विभाग आरटीई के तहत स्कूलों में बच्चों के दाखिले से संबंधित लिस्ट तैयार कर चुका है। जिला प्रशासन बच्चों के भविष्य को लेकर पूरी तरह सतर्क है। हर बच्चे को शिक्षा दिलाना हमारी प्राथमिकता है। बेसिक शिक्षा विभाग सभी प्राइवेट स्कूलों में जल्दी ही अपने फैसले का कंप्लायंस कराएगा। अगर कोई प्राइवेट स्कूल मनमानी करता है, तो उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। अभिभावकों ने एडीएम प्रशासन को लिखित शिकायत दी। उसके बाद ही पैरेंट्स शांत हुए।