Noida News : नोएडा के यमुना खादर क्षेत्र में बने अवैध फार्म हाउसों को लेकर बड़ी खबर है। इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने नया आदेश दिया है। याचिका गौतमबुद्ध नगर में यमुना नदी बांध के डूब क्षेत्र में फार्म हाउसों में हुए अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण के खिलाफ दायर की गई है। अदालत ने 'नेशनल मिशन फार क्लीन गंगा' जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार, नोएडा अथॉरिटी और राज्य सरकार से दो हफ्ते में जवाब मांगा है। आपको बता दें कि नोएडा विकास प्राधिकरण (Noida Authority) के अधिसूचित इलाके वाले खादर क्षेत्र में अवैध रूप से भू-माफिया और बिल्डरों ने सैकड़ों फार्म हाउस बनाकर खड़े कर दिए हैं। जिनके खिलाफ करीब 1 साल पहले नोएडा प्राधिकरण ने अभियान छेड़ा था। प्राधिकरण के एक्शन पर आपत्ति जाहिर करते हुए फार्म हाउस मालिक हाईकोर्ट गए थे। आपको बता दें कि आपके पसंदीदा न्यूज़ पोर्टल 'ट्राईसिटी टुडे' ने इन अवैध फार्म हाउसों का मुद्दा उठाया था।
चीफ जस्टिस की कोर्ट से आया नया आदेश
यह आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति एसडी सिंह की खंडपीठ ने सेक्टर-63ए के निवासी रत्न मिश्र की याचिका पर दिया है। याचिकाकर्ता का कहना है कि नोएडा की सीईओ रितु माहेश्वरी को इस मामले में कोई कार्यवाही करने या आदेश देने का अधिकार नहीं है। केवल 'क्लीन गंगा मिशन' को ही इस मामले में कार्रवाई करने का अधिकार है। इसलिए नोएडा की सीईओ के आदेश को अधिकार क्षेत्र से बाहर मानते हुए रद्द किया जाए। वहीं, भारत सरकार के वकील का कहना है कि यह यमुना नदी के डूब क्षेत्र के अतिक्रमण का मामला है। अवैध निर्माण हटाने की कार्रवाई करने का अधिकार नोएडा और राज्य सरकार को ही है।
बड़े पैमाने पर हुआ अवैध निर्माण
आपको बता दें कि नोएडा में यमुना नदी के पास ग्राम चक मंगरौला, नंगला, नंगली, नंगली साकपुर, सफीपुर और मोमनाथल सहित अन्य गांवों में यमुना किनारे जमीन खरीदी गई है। खरीदी गई जमीन यमुना नदी के बांध और जलधारा के बीच डूब क्षेत्र में है। जिस पर अनधिकृत अवैध निर्माण किया गया है। नोएडा ने पर्यावरण नियोजन और जन सामान्य की सुरक्षा के लिए इन अवैध निर्माणों को हटाने का निर्णय लिया है। डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण से बांध को खतरे की आशंका है। जिसके आधार पर नोएडा की सीईओ रितु माहेश्वरी ने याची के प्रत्यावेदन को खारिज कर दिया और ध्वस्तीकरण कार्रवाई को सही माना। जिसे इस नई याचिका में चुनौती दी गई है।
अथॉरिटी ने पिछले साल चलाया ध्वस्तीकरण अभियान
नोएडा प्राधिकरण ने 2 अप्रैल 2022 से यमुना नदी के डूब क्षेत्र में ध्वस्तीकरण अभियान शुरू किया था। यह मई और जून में भी जारी रहा। अथॉरिटी ने तीन क्लब और 124 फार्म हाउस ध्वस्त किए हैं। इस क्षेत्र में अथॉरिटी ने सर्वे करवाया। करीब 1,000 फार्म हाउस सर्वे में चिह्नित करके अवैध घोषित किए गए हैं। इन सबको ध्वस्त किया जाएगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी ने स्पष्ट कर दिया था कि फार्म हाउस अवैध हैं और यह कार्रवाई जारी रहेगी।
अथॉरिटी का नया ऑर्डर कानूनी होगा
नोएडा अथॉरिटी के एक जिम्मेदार अधिकारी ने कहा, "फार्म हाउस मालिकों की आपत्तियों का निस्तारण करने और खारिज करने के लिए प्राधिकरण ने बाकायदा कानूनी आदेश तैयार किया है। इसके लिए विधि विभाग से भी सलाह ली गई है। अथॉरिटी की ओर से ध्वस्तीकरण के लिए जारी सार्वजनिक नोटिस, एनजीटी के नियमों का उल्लंघन, यूपी इंडस्ट्रियल डेवेलपमेंट एक्ट का उल्लंघन, डिजास्टर मैनेजमेंट के नियमों का उल्लंघन, एनवायरमेंट प्रोटक्शन एक्ट का उल्लंघन और सिंचाई विभाग की गाइडलाइन के आधार पर आदेश तैयार हुआ है। कोई परेशानी नहीं है। हम हाईकोर्ट में मजबूरी से पक्ष रखेंगे।"